इस नवरात्रि पालकी पर सवार होकर आई माता रानी, शास्त्र में जानें इसके संकेत
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TEAM BHAKT VATSAL7th October 2024
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है और 11 अक्टूबर 2024 को समापन होगा। नवरात्रि में माता रानी का आगमन और विदाई खास वाहन पर होती है।
ज्योतिष में इन अलग-अलग वाहनों का अर्थ भी बताया गया है। मां के आगमन और विदाई से देश-दुनिया, फसल, मानव जीवन में पड़ने वाले प्रभावों का अनुमान लगाया जाता है।
हर साल माता रानी की सवारी अलग होती है। इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार से हुई। ऐसे में माता रानी का वाहन पालकी रहा।
मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा जब धरती पर पालकी से आती हैं तो इसे अच्छा संकेत नहीं माना जाता है। माता रानी का पालकी में आना चिंता का विषय है।
देवी पुराण में पालकी पर सवार होकर आना अशुभ माना गया है। पालकी पर सवार होकर आना आंशिक रूप से महामारी का कारण भी माना जाता है।
यूं तो माता रानी का वाहन सिंह है। इसलिए मां दुर्गा को शेरावाली मां कहा जाता है। लेकिन नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा पृथ्वी लोक पर वार के अनुसार सवारी बदल कर आती है।
माता रानी का पालकी पर आना शुभ संकेत नहीं होता है। घोड़े पर आना भी शुभ संकेत नहीं है। वहीं हाथी पर आना बहुत शुभ होता है और नाव पर भी आना शुभ होता है।
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