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सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का साया, जानें किस समय करें श्राद्ध

1st October 2024

सनातन धर्म में पितरों का तर्पण और विधि-विधान से उनकी पूजा का खास महत्व हैं। सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों को विदाई दी जाती है।

अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को ही सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है। इस दिन उन सभी का श्राद्ध किया जाता है जिनका किसी कारण छूट जाता है।

हिंदी पंचांग के अनुसार, इस साल सर्व पितृ अमावस्या 1 अक्टूबर को रात 9.40 बजे से शुरू और 2 अक्टूबर की रात 2.19 पर समाप्त होगी। ऐसे में सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर को होगी।

इस साल सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है। हालांकि ये सूर्य ग्रहण भारत में अदृश्य रहने वाला है। इस कारण इसकी सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

ऐसे में सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण के कारण तर्पण और श्राद्ध कर्म में बाधा नहीं आएगी। श्राद्ध के लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त अच्छे माने जाते हैं।

कुतुप मुहूर्त 2 अक्टूबर को सुबह 11.46 बजे से दोपहर 12.34 बजे तक रहेगा। इसके अलावा रौहिण मुहूर्त दोपहर 12.34 बजे से दोपहर 01.21 बजे तक रहेगा।

सर्व पितृ अमावस्या का बहुत महत्व है। इस दिन आखिरी श्राद्ध किया जाता है। इस दिन सभी पितरों के नाम से श्राद्ध कर्म के कार्य किए जा सकते हैं।

इस दिन जिन परिजनों की श्राद्ध तिथि पता नहीं होती है उनके नाम से भी श्राद्ध किया जाता है। सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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