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मणिबंध शक्तिपीठ, राजस्थान (Manibandh Shaktipeeth, Rajasthan)

मणिबंध शक्तिपीठ, राजस्थान (Manibandh Shaktipeeth, Rajasthan)

मणिबंध शक्तिपीठ पर देवता भी दर्शन करने आते हैं, गायत्री मंत्र का साधना केन्द्र 


मणिबंध शक्तिपीठ अजमेर से 11 किमी दूर गायत्री पहाड़ी पर स्थित है। मान्यता है इस पहाड़ी पर माता की कलाइयां और कंगन गिरे थे। इसे मणिदेविक शक्तिपीठ भी कहा जाता है।

यहां की सती को गायत्री तथा शिव को शर्वानंद के नाम से पूजा जाता हैं। माना जाता है कि कार्तिक मास में इस शक्तिपीठ का दर्शन-पूजन करने के लिए देवता भी यहां आते हैं। यह मंदिर गायत्री मंत्र साधना के लिए आदर्श स्थान माना जाता है।  मंदिर पहाड़ी पत्थरों से बना है, जिन पर देवी-देवताओं की विभिन्न मूर्तियाँ उकेरी गई हैं।


अजमेर और पुष्कर से सीधी कनेक्टिविटी


मणिबंध शक्ति पीठ पुष्कर के मुख्य शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर है। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पुष्कर से 150 किमी की दूरी पर है। निकटतम रेलवे स्टेशन अजमेर मात्र 15 किमी दूर है।


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ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें (Aisi Bhakti Mahadev De Do Hame)

ऐसी भक्ति हे शम्भू दे दो मुझे,
रात दिन मैं भजन तेरे गाता रहूं,

ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन (Aisi Lagi Lagan, Meera Ho Gai Magan)

ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन,

ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम (Aisi Suwah Na Aye, Aye Na Aisi Sham)

शिव है शक्ति, शिव है भक्ति, शिव है मुक्ति धाम।
शिव है ब्रह्मा, शिव है विष्णु, शिव है मेरा राम॥

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर (Aiso Chatak Matak So Thakur)

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय

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