Logo

इन तीन राशियों के लिए शुभ है होली

इन तीन राशियों के लिए शुभ है होली

Holi Rashifal: होली पर चमकेगी इन 3 राशि के जातकों की किस्मत, होगा मंगल ही मंगल


होली का पर्व इस बार 13 और 14 मार्च को मनाया जाएगा, लेकिन ज्योतिषीय दृष्टि से यह वर्ष विशेष महत्व रखता है। 100 साल बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिससे कुछ राशियों को विशेष लाभ मिलने वाला है। इस बार होली के दिन मीन राशि में सूर्य, बुध और शुक्र की युति बन रही है, जिससे कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इसका प्रभाव विभिन्न राशियों पर पड़ेगा, जिससे कुछ जातकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, तो कुछ को करियर में तरक्की मिलेगी। आइए जानते हैं कि होली 2025 किन राशियों के लिए शुभ साबित होगी।


1. वृषभ राशि (Taurus) - रिश्तों और करियर में सुधार


  • इस वर्ष होली पर बनने वाले शुभ योग वृषभ राशि वालों के लिए बेहतरीन साबित होंगे।
  • परिवार और ससुराल पक्ष के साथ संबंधों में सुधार आएगा।
  • नौकरी और करियर में तरक्की के नए अवसर मिलेंगे।
  • माता-पिता के साथ धार्मिक यात्रा का योग बन रहा है।
  • आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और निवेश से लाभ मिलेगा।


2. वृश्चिक राशि (Scorpio) - सेहत और आर्थिक स्थिति में सुधार


  • वृश्चिक राशि वालों के लिए यह होली सौभाग्य लेकर आएगी।
  • यदि कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या चल रही थी, तो उसमें सुधार होगा।
  • कोर्ट-कचहरी के मामलों में राहत मिलेगी।
  • धन की स्थिति बेहतर होगी और रुके हुए कार्य पूरे होंगे।
  • प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी और दांपत्य जीवन में सुखद अनुभव होंगे।


3. मकर राशि (Capricorn) - शुभ समाचार और सफलता


  • मकर राशि वालों के लिए यह समय सफलता और खुशियों से भरा रहेगा।
  • पुरानी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।
  • नौकरी में प्रमोशन और मान-सम्मान बढ़ेगा।
  • बचत बढ़ेगी और परिवार में शांति बनी रहेगी।
  • व्यापारियों के लिए यह समय लाभकारी रहेगा।


4. मीन राशि (Pisces) - व्यापार और शिक्षा में उन्नति


  • मीन राशि में ही इस बार तीन प्रमुख ग्रहों की युति बन रही है, जिससे इस राशि वालों को विशेष लाभ मिलेगा।
  • यदि आप नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो यह समय बेहद शुभ रहेगा।
  • किसी निवेश से अच्छा धन लाभ होने के योग बन रहे हैं।
  • विद्यार्थियों को सफलता मिलेगी और पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी।
  • माता-पिता के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा और पारिवारिक माहौल सुखद रहेगा।
........................................................................................................
चैत्र नवरात्रि: मां कूष्मांडा की कथा

देवी दुर्गा का चौथा स्वरूप मां कूष्मांडा का हैं, जिनकी चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन पूजा की जाती है, मां का यह स्वरूप शक्ति, ऊर्जा और आत्मज्ञान का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कूष्मांडा के मंद मुस्कान से इस सृष्टि की रचना हुई थी।

चैती छठ कब मनाई जाएगी

लोक आस्था का महापर्व चैती छठ सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। यह 4 दिनों तक चलता है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर सप्तमी तिथि तक चलता है।

चैती छठ की पौराणिक कहानी

छठ सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि महापर्व है, जो चार दिनों तक चलता है। इसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जो डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होता है। ये पर्व साल में दो बार मनाया जाता है, पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में।

चैती छठ की पूजा विधि

हिंदू धर्म में आस्था और सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व चैती छठ को माना जाता है। छठ पूजा साल में दो बार कार्तिक और चैत्र माह में मनाई जाती है। कार्तिक छठ की तुलना में चैती छठ को कम लोग मनाते हैं, लेकिन इसका धार्मिक महत्व भी उतना ही खास है।

यह भी जाने
HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang