Kiratpur Sahib Punjab (कीरतपुर साहिब, पंजाब)

दर्शन समय

5:30 AM - 10 PM

Kiratpur Sahib Gurudwara Punjab: सिख धर्म का प्रमुख स्थल है कीरतपुर साहिब, अस्थि विर्सजन के लिए पहुंचे है श्रद्धालु 

 
पंजाब के रूपनगर जिले में स्थित कीरतपुर साहिब न सिर्फ सिख समुदाय के लिए पवित्र तीर्थ स्थल है बल्कि इतिहास में भी इसका विशेष महत्व है। सतलुज नदी के किनारे बसा यह स्थान आनंदपुर साहिब से करीब 10 किमी दक्षिण में, रूपनगर से 30 किमी उत्तर में और चंडीगढ़ से लगभग 90 किमी की दूरी पर है। यहां हर साल हजारों श्रद्धालु अपने प्रियजनों की अस्थियों का विसर्जन करने के लिए पहुंचते हैं।

गुरु हरगोबिंद जी ने की थी स्थापना


कीरतपुर साहिब की स्थापना सन् 1627 में सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने की थी। उन्होंने यह जमीन केहलूर रियासत के राजा तारा चंद से अपने पुत्र बाबा गुरदित्ता जी के माध्यम से खरीदी थी। यह वही स्थान है जहां गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष व्यतीत किए थे।

गुरु हर राय जी और गुरु हरकृष्ण जी का जन्म यहीं हुआ और उन्हें यहीं पर गुरुगद्दी मिली थी। यही वजह है कि यह नगर सिख इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

सतलुज के तट पर अस्थि विसर्जन का पवित्र स्थल

कीरतपुर साहिब को सिख समुदाय के लिए एक ऐसा स्थान माना जाता है जहां अपने दिवंगत परिजनों की अस्थियों का पवित्र विसर्जन किया जाता है। गुरु नानक देव जी भी इस स्थान पर आए थे जब यह स्थान सिर्फ घने जंगलों से घिरा हुआ था।
यह स्थान मुस्लिम संत पीर बुद्दन शाह की स्मृति से भी जुड़ा हुआ है जिनका सिख गुरुओं से गहरा संबंध रहा है।

यहां मौजूद हैं कई ऐतिहासिक गुरुद्वारे

कीरतपुर साहिब शहर में कई ऐतिहासिक गुरुद्वारे स्थित हैं जो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। इनमें प्रमुख हैं:
  • गुरुद्वारा पातालपुरी साहिब
  • गुरुद्वारा बाबा गुरदित्ता
  • गुरुद्वारा बाबनगढ़ साहिब
  • गुरुद्वारा शीश महल साहिब
  • गुरुद्वारा मंजी साहिब
  • गुरुद्वारा चरणकमल साहिब
  • गुरुद्वारा श्री हरगोबिंदसर साहिब
इन गुरुद्वारों में दर्शन का समय सुबह 5:30 बजे से रात 10:00 बजे तक है।

प्रमुख त्योहार

कीरतपुर साहिब में गुरु नानक गुरुपर्व, गुरु हरगोबिंद जयंती, गुरु हर राय जयंती और गुरु हरकृष्ण जयंती बड़े श्रद्धा से मनाए जाते हैं।
यहां श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, प्रसाद, सीसीटीवी सुरक्षा, पार्किंग, जूता स्टोर जैसी बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं। साथ ही धर्मार्थ सेवाओं में शयनगृह, कपड़द्वार, प्रतीक्षा क्षेत्र, व्हीलचेयर और सहायता डेस्क की भी व्यवस्था है।
मंदिर परिसर में फोटोग्राफी की अनुमति है लेकिन अंदर पूजा करते समय फोटो लेना उचित नहीं माना जाता। श्रद्धालुओं से निवेदन है कि वे गुरुद्वारे के नियमों का पालन करें।
कीरतपुर साहिब में प्रवेश पूरी तरह नि:शुल्क है। यहां पहुंचकर न सिर्फ सिख इतिहास को जानने का अवसर मिलता है बल्कि एक अनोखी आत्मिक शांति भी महसूस होती है।

डिसक्लेमर

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