नवीनतम लेख

चंडी देवी मंदिर, चंडीगढ़ (Chandi Devi Temple, Chandigarh)

दर्शन समय

4 AM - 10 PM

अर्जुन ने यहां पेड़ की शाख पर बैठकर की तपस्या, पहले राष्ट्रपति ने चंडी मंदिर ने नाम पर बसाया था चंडीगढ़ शहर


पंचकूला में स्थित चंडी देवी मंदिर के नाम पर चंडीगढ़ शहर का नाम पड़ा। ये मंदिर शक्ति की देवी, चंडी को समर्पित है। मंदिर शिवालिक पहाड़ियों की सुंदर पृष्ठभूमि के बीच स्थित है। यहां के प्रमुख पूजनीय चंडी देवी है लेकिन मंदिर में राधा कृष्ण, हनुमान, शिव और राम भगवान की मूर्तियां भी स्थापित है। यहां मनोकामना मांगने वालों की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं।


माता का महिषासुर मर्दिनी स्वरूप


चंडी देवी मंदिर की इतिहास 5000 साल पुराना है। कहा जाता है कि एक साधु जंगल में तप किया करते थे। यहां उनको एक मूर्ति मिली जो मां दुर्गा की थी, वह महिषासुर का वध करके उसके ऊपर खड़ी थी। मूर्ति देखकर साधु ने मां भगवती की पूजा-अर्चना शुरु कर दी। उन्होंने घास, मिट्टी और पत्थर से यहां चंडी माता का एक छोटा सा मंदिर बना दिया। इसके बाद आसपास के लोग मंदिर में माथा टेकने लगे। उनकी मनोकामना पूरी होने लगी। कहा जाता है कि 12 साल के वनवास के दौरान पांडव घूमते हुए यहां आये थे और चंडी माता का मंदिर देखा तो अर्जुन ने पेड़ की शाखा पर बैठकर मां की तपस्या की। कहा जाता है कि उनकी तपस्या से खुश होकर माता चंडी ने उनको तेजस्वी तलवार व जीत का वरदान दिया था।


ऐसे पड़ा चंडीगढ़ शहर का नाम


मंदिर की प्रबंधक माता निर्मला देवी ने बताया कि, पूर्वज साधु महात्माओं की अब 62वीं पीढ़ी चल रही है। इस समय उनकी बेटी महंत बाबा राजेश्वरी जी गद्दी पर विराजमान है। यह जगह पहले मनीमाजरा रियासत में आती थी। 15 वीं पीढ़ी के मनीमाजरा के राजा भगवान सिंह ने मंदिर के ऊपर पहाड़ी पर एक पत्थर का किला बनवा दिया, जिसे गढ़ कहा जाने लगा। इसके ऊपर ही एक चंडी गांव बस गया। निर्मला देवी ने बताया कि उनके पिता सूरत गिरि महाराज के मंदिर की पूजा के दौरान 1953 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और पंजाब के गवर्नर सीपीएन सिंह मंदिर में दर्शन करने आए थे। मंदिर का इतिहास और महत्व जानने के बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि चंडी माता के नाम पर शहर बसाया जाएगा। उन्होंने चंडीमंदिर के नाम पर स्थानीय थाना, रेलवे स्टेशन, और गांव का नाम रख दिया। इसके बाद चंडी माता के नाम पर चंडीगढ़ शहर बसाया गया।


चंडी देवी मंदिर (चंडीगढ़) कैसे पहुंचे


हवाई मार्ग-  चंडी देवी मंदिर पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो चंडी मंदिर से लगभग 26.6 किमी दूर है। यहां से आप टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते है।


रेल मार्ग- चंडी देवी मंदिर पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन, जो चंडी मंदिर से लगभग 11.8 किमी दूर है। यहां से आप ऑटो या टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते है।


सड़क मार्ग- चंडीगढ़ विभिन्न हिस्सों से सड़क मार्ग के द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। चंडीगढ़ में बस सेवाएं अच्छी तरह से व्यवस्थित हैं। आप शहर के प्रमुख बस स्टैंड से बस ले सकते है।



डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।