वेंकटेश्वर भगवान की पूजा कैसे करें

वेंकटेश्वर भगवान की पूजा किस विधि से करें, जानें पूजन विधि, कथा और महत्व


वेंकटेश्वर भगवान को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। तिरुमाला के वेंकटेश्वर मंदिर में उनकी मूर्ति स्थापित है, जो विश्व के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। वेंकटेश्वर भगवान की कहानी बहुत ही रोचक और दिव्य है। मान्यता है कि उन्होंने कलयुग में धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिया था। वे अपने भक्तों पर बहुत कृपा करते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आपको बता दे, वेंकटेश्वर मंदिर को कलयुग का वैकुंठ कहा जाता है। वेंकटेश्वर भगवान की मूर्ति पर असली बाल हैं। वेंकटेश्वर मंदिर में जलने वाले दीपक में तेल या घी नहीं डाला जाता, फिर भी वह निरंतर जलता रहता है। अब ऐसे में अगर आप भगवान वेंकटेश्वर की पूजा करने जा रहे हैं, तो किस विधि से करें और भगवान वेंकटेश्वर की कथा और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं। 

भगवान वेंकटेश्वर की पूजा किस विधि से करें?

 
  • पूजा शुरू करने से पहले स्नान करके शरीर को शुद्ध करें। साफ कपड़े पहनें और मन को शांत करें।
  • पूजा स्थल या मंदिर को साफ करें और फूलों चढ़ाएं। 
  • भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति को एक साफ स्थान पर स्थापित करें।
  • घी का दीपक जलाकर भगवान को अर्पित करें। 
  • भगवान वेंकटेश्वर भगवान के सामने धूप जलाएं। 
  • भगवान को भोग लगाएं। 
  • जल से भरे हुए कलश से भगवान को अर्ध्य दें।
  • भगवान वेंकटेश्वर के मंत्रों का जाप करें। भगवान के 108 नामों का जाप करें।
  • ॐ श्री वेंकटेशाय नमः
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
  • आखिर में भगवान वेंकटेश्वर की आरती करें। 

भगवान वेंकटेश्वर की कथा


कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने कलयुग में श्रीनिवास नामक एक राजकुमार के रूप में अवतार लिया था। उन्होंने पद्मावती से विवाह किया और तिरुमला पर्वत पर निवास किया। उन्होंने कुबेर से धन उधार लिया था, जिसे भक्त आज भी लड्डू खरीदकर चुका रहे हैं। वहीं दूसरी कथा के हिसाब से बालाजी एक शिकारी थे जिन्होंने गलती से एक ब्राह्मण को मार दिया था। पश्चाताप में उन्होंने अपनी जान दे दी। 

भगवान विष्णु ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें पुनर्जीवित किया और उन्हें अपना अवतार बना लिया। तिरुपति बालाजी की कथाएं तिरुमला पर्वत से जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि यह पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान था। भगवान विष्णु ने यहां शिवलिंग की स्थापना की और भक्तों को आशीर्वाद देने लगे। 

भगवान वेंकटेश्वर की पूजा का महत्व 


भगवान वेंकटेश्वर को धन और समृद्धि के देवता माना जाता है। भक्त मानते हैं कि उनकी पूजा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। भगवान वेंकटेश्वर को धन और समृद्धि के देवता माना जाता है। भक्त मानते हैं कि उनकी पूजा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। भगवान वेंकटेश्वर को मोक्ष दिलाने वाले देवता भी माना जाता है। भक्तों का मानना है कि उनकी भक्ति से मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान वेंकटेश्वर की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान की पूजा से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

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नरसिंह भगवान की पूजा कैसे करें?

नरसिंह भगवान हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के दस प्रमुख अवतारों में से चौथा अवतार हैं। उन्हें आधा मानव और आधा सिंह के रूप में दर्शाया जाता है। यह एक ऐसा अवतार था जो अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए लिया गया था।

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