इस विधि से करें सूर्यदेव की पूजा, आरोग्य में होगी वृद्धि, सप्ताह का ये दिन माना जाता है विशेष
वेदों में सूर्य को न केवल जगत की आत्मा बल्कि ईश्वर का नेत्र भी माना गया है। जीवन, स्वास्थ्य और शक्ति के देवता के रूप में उनकी पूजा की जाती है। सूर्यदेव की कृपा से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है। ऋषि-मुनियों का मानना था कि उदय होते सूर्य ज्ञान का प्रतीक हैं और उनकी साधना-आराधना अत्यंत फलदायी होती है। प्रत्यक्ष देवता होने के कारण सूर्यदेव की उपासना शीघ्र फल देने वाली मानी जाती है। स्वयं भगवान श्रीराम, जो सूर्यवंशी थे, ने भी सूर्यदेव की साधना की थी। इसी तरह, भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र सांब ने भी सूर्यदेव की उपासना के माध्यम से कुष्ठ रोग से मुक्ति पाई थी। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी से विस्तार से जानते हैं कि सूर्यदेव की पूजा किस विधि से करें।
किस विधि से करें सूर्यदेव की पूजा?
- सुबह जल्दी उठें - सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल तैयार करें - एक साफ जगह पर सूर्यदेव की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। आप एक छोटा सा मंदिर भी बना सकते हैं।
- अर्ध्य दें - तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल, रोली, अक्षत आदि मिलाकर सूर्यदेव को अर्ध्य दें। जल चढ़ाते समय "ॐ घृणि सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।
- पूजा सामग्री चढ़ाएं - सूर्यदेव को धूप, दीप, फूल, फल आदि चढ़ाएं।
- आरती करें - सूर्यदेव की आरती करें।
- मंत्र जाप करें - सूर्यदेव के विभिन्न मंत्रों का जाप करें।
ॐ सूर्याय नमः
ॐ घृणि सूर्याय नमः
ॐ आदित्याय नमः
किस दिन करें सूर्यदेव की पूजा?
सूर्यदेव की पूजा रविवार को करने का विशेष महत्व है। आप प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्यदेव को जल अर्पित कर सकते हैं।
सूर्यदेव की पूजा करने के दौरान नियमों का पालन
सूर्यदेव की पूजा के समय शरीर और मन दोनों को शुद्ध रखना चाहिए। स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
सूर्योदय के समय सूर्यदेव की पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है। इस समय सूर्य की किरणें सबसे अधिक प्रभावशाली होती हैं।
रविवार के दिन सूर्यदेव का व्रत रखना शुभ माना जाता है। इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
सूर्यदेव की पूजा के समय पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
पूजा के समय मन में सकारात्मक भाव रखें
सूर्यदेव की पूजा के लिए मंत्र
सूर्यदेव के बारह नामों का जाप करते हुए अर्घ्य देने से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है।
- ॐ सूर्याय नमः,
- ॐ भास्कराय नमः,
- ऊं रवये नमः,
- ऊं मित्राय नमः,
- ॐ भानवे नमः,
- ॐ खगय नमः,
- ॐ पुष्णे नमः,
- ॐ मारिचाये नमः।
- ॐ सूर्याय नमः:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा:
- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ:
सूर्यदेव की पूजा करने से मिलते हैं ये लाभ
सूर्यदेव की पूजा करने से शरीर स्वस्थ रहता है। सूर्यदेव की पूजा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है। सूर्यदेव की पूजा करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति पवित्र बनता है। सूर्यदेव की कृपा से धन लाभ होता है और व्यक्ति समृद्ध होता है। र्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति को यश और कीर्ति मिलती है।
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