शुक्र ग्रह शांति की पूजा विधि

Shukra Graha Shanti Puja Vidhi: जब रिश्तों और सुख-सुविधाओं में आ रही हो रुकावट, तो करनी चाहिए शुक्र ग्रह शांति पूजा, जानें विधि 


वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सौंदर्य, प्रेम, कला, विलासिता और भौतिक सुख-सुविधाओं का प्रतीक माना गया है। अगर कुंडली में शुक्र कमजोर या अशुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को रिश्तों में तनाव, आर्थिक अस्थिरता और सौंदर्य से जुड़ी समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। ऐसे में शुक्र ग्रह शांति पूजा एक प्रभावी उपाय मानी जाती है, जिसका उद्देश्य शुक्र के नकारात्मक प्रभावों को कम कर जीवन में संतुलन और सुख लाना होता है।


क्यों करें शुक्र ग्रह की पूजा?

शुक्र ग्रह अगर जन्म कुंडली में पीड़ित हो, तो इसका असर व्यक्ति के विवाह, प्रेम संबंध, कला, फैशन और भौतिक सुखों पर पड़ता है। इसके कारण व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में कड़वाहट, पैसों की कमी, और आत्मविश्वास में गिरावट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

शांति पूजा से इन प्रभावों को कम किया जा सकता है। साथ ही, यह पूजा जीवन में सौंदर्य, प्रेम, समृद्धि और आत्मिक संतुलन को भी बढ़ाती है।


कब और कैसे करें पूजा?

शुक्रवार को, विशेष रूप से शुक्र होरा या शुक्र नक्षत्र में पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है। शुभ तिथि और मुहूर्त के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें। पूजा में शुद्धता, मन की एकाग्रता और श्रद्धा सबसे जरूरी होती है।


पूजा की मुख्य सामग्री:

  • केसर – 5 ग्राम
  • घी – 250 ग्राम
  • ताजे फूल – 12
  • अगरबत्ती – 1 पैकेट
  • मिठाई, चावल और पंचामृत

इन सभी सामग्रियों को साफ-सुथरे बर्तन में रखें और पूजा स्थल को शांत और व्यवस्थित बनाएं।


पूजा की विधि:

  • शुक्र देव का आवाहन करें और दीप जलाएं।
  • प्रसाद और पुष्प अर्पित करें।
  • शुक्र बीज मंत्र का जाप करें – “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः”
  • इसके बाद हवन किया जाता है जिसमें घी, चावल और हवन सामग्री से आहुति दी जाती है।

पूजा पूरी होने के बाद जरूरतमंदों को सफेद वस्त्र, चावल, चांदी का सामान और दूध से बनी चीजें दान करना शुभ माना जाता है।


जीवन में आते हैं ये लाभ:

  • प्रेम संबंधों में मधुरता आती है।
  • आर्थिक स्थिरता बढ़ती है।
  • सौंदर्य, कला और रचनात्मकता के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
  • जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


कैसे जानें शुक्र कमजोर है?

अगर जीवन में प्रेम या विवाह से जुड़ी समस्याएं, फैशन या कला क्षेत्र में संघर्ष, या बार-बार धन हानि हो रही हो, तो ये संकेत हो सकते हैं कि शुक्र अशुभ स्थिति में है। कुंडली दिखाकर इस पर विशेषज्ञ की राय जरूर लें।


........................................................................................................
राम नाम को रटने वाले जरा सामने आओ(Ram Naam Ko Ratne Wale Jara Samne Aao)

राम नाम को रटने वाले
जरा सामने आओ तुम,

झूलेलाल जयंती 2025 कब है

चेटीचंड, सिंधी समुदाय के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व चैत्र शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है, जिसे सिंधी नववर्ष की शुरुआत भी माना जाता है।

श्री पार्वती चालीसा (Shri Parvati Chalisa)

जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि,

मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे (Mera Dil Atka Teri Murat Pe)

मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे,
मुझको तो किसी की खबर नही ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने