किसी भी व्यापारी के जीवन में मशीनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उनका पूरा व्यवसाय और रोजगार मशीनों पर निर्भर करता है। इसलिए इन मशीनों का विशेष ध्यान रखना उसकी जिम्मेदारी बन जाती है। यही कारण है कि भारत में विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्रों में मशीनरी पूजा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि मशीनें हमारे कार्य को सुगम बनाती हैं और उत्पादकता में वृद्धि करती हैं। इसीलिए, हम इन मशीनों को देवता के समान मानते हुए इनकी पूजा करते हैं।
मशीनरी पूजा करने से व्यापारी या मशीनरी मालिक का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। भगवान विश्वकर्मा को शिल्प और उपकरणों का देवता माना जाता है, इसलिए विश्वकर्मा पूजा के दिन औजारों, मशीनों और वाहनों की पूजा की जाती है। आइए, जानते हैं मशीनरी पूजा की विधि।
मशीनरी स्थापना पूजा करने से कई प्रकार के लाभ होते हैं। इस पूजा में मुख्य रूप से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है। माता लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है, जबकि भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। इस पूजा के माध्यम से हम इन देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
इसके अतिरिक्त, मशीनरी पूजा से कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह श्रमिकों और मालिकों के बीच विश्वास और आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक होती है। साथ ही, यह पूजा टीमवर्क और आपसी सहयोग को भी प्रोत्साहित करती है।
दर्शन कर लो रे भक्तो,
मेहंदीपुर धाम का,
दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥
दर्शन को अखियाँ प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी,
दर्शन को तेरे आया,
सब देव तेरी माया,