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माता भुवनेश्वरी हिंदू धर्म में पूजी जाने वाली एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें ब्रह्मांड की रानी और सृजन की देवी के रूप में जाना जाता है। उनका नाम "भुवनेश्वरी" दो शब्दों से मिलकर बना है - "भुवन" जिसका अर्थ है ब्रह्मांड और "ईश्वरी" जिसका अर्थ है स्वामिनी। इसलिए, भुवनेश्वरी का अर्थ है ब्रह्मांड की स्वामिनी। माता भुवनेश्वरी को आदिशक्ति का रूप माना जाता है, जो सभी शक्तियों का स्रोत हैं। वे दस महाविद्याओं में से एक हैं, जो देवी दुर्गा के दस रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। भुवनेश्वरी को प्रकृति, पोषण और सृजन की देवी के रूप में भी पूजा जाता है। माता भुवनेश्वरी की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। उनकी पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। उनकी पूजा में लाल फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं। भुवनेश्वरी मंत्र का जाप भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में माता भुवनेश्वरी की पूजा की पूजा विधि और सामग्री के बारे में विस्तार से जानते हैं।
माता भुवनेश्वरी की पूजा सामग्री यहां पढ़ें
माता भुवनेश्वरी, जिन्हें ब्रह्मांड की रानी के रूप में जाना जाता है, दस महाविद्याओं में से एक हैं। उनकी पूजा का विशेष महत्व है और इसे विधिपूर्वक करने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। इनकी पूजा विधिवत रूप से करें।
माता भुवनेश्वरी को धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। उनकी पूजा करने से भक्तों को आर्थिक लाभ और समृद्धि की प्राप्ति होती है। माता भुवनेश्वरी अपने भक्तों को सभी प्रकार के भय और संकटों से बचाती हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को सुरक्षा और सुरक्षा की भावना प्राप्त होती है। माता भुवनेश्वरी शक्ति और ऊर्जा की प्रतीक हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को शक्ति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है, जिससे वे अपने जीवन के सभी कार्यों को सफलतापूर्वक कर पाते हैं। माता भुवनेश्वरी ज्ञान और बुद्धि की देवी भी हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है, जिससे वे अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।
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