माता भुवनेश्वरी की पूजा विधि

समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी हैं माता भुवनेश्वरी, जानें इनकी पूजा विधि विस्तार से


माता भुवनेश्वरी हिंदू धर्म में पूजी जाने वाली एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें ब्रह्मांड की रानी और सृजन की देवी के रूप में जाना जाता है। उनका नाम "भुवनेश्वरी" दो शब्दों से मिलकर बना है - "भुवन" जिसका अर्थ है ब्रह्मांड और "ईश्वरी" जिसका अर्थ है स्वामिनी। इसलिए, भुवनेश्वरी का अर्थ है ब्रह्मांड की स्वामिनी। माता भुवनेश्वरी को आदिशक्ति का रूप माना जाता है, जो सभी शक्तियों का स्रोत हैं। वे दस महाविद्याओं में से एक हैं, जो देवी दुर्गा के दस रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। भुवनेश्वरी को प्रकृति, पोषण और सृजन की देवी के रूप में भी पूजा जाता है। माता भुवनेश्वरी की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। उनकी पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। उनकी पूजा में लाल फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं। भुवनेश्वरी मंत्र का जाप भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में माता भुवनेश्वरी की पूजा की पूजा विधि और सामग्री के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


माता भुवनेश्वरी की पूजा के लिए सामग्री


माता भुवनेश्वरी की पूजा सामग्री यहां पढ़ें

  • लाल फूल
  • लाल चन्दन
  • लाल वस्त्र
  • धूप
  • दीप
  • नैवेद्य
  • फल
  • मिठाई
  • अक्षत
  • कुमकुम
  • सिन्दूर
  • आभूषण
  • लाल रंग की चुनरी
  • पान
  • सुपारी
  • लौंग
  • इलायची
  • बताशा
  • लाल रंग का ध्वज
  • लाल रंग का आसन
  • लाल रंग का वस्त्र
  • लाल रंग की माला
  • लाल रंग की चूड़ियां


माता भुवनेश्वरी की पूजा विधि


माता भुवनेश्वरी, जिन्हें ब्रह्मांड की रानी के रूप में जाना जाता है, दस महाविद्याओं में से एक हैं। उनकी पूजा का विशेष महत्व है और इसे विधिपूर्वक करने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। इनकी पूजा विधिवत रूप से करें।

  • सबसे पहले, सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल को साफ करें और वहां एक चौकी स्थापित करें।
  • चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएँ और माता भुवनेश्वरी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • प्रतिमा के सामने धूप, दीप, नैवेद्य, फल, फूल और अक्षत आदि पूजन सामग्री रखें।
  • माता भुवनेश्वरी का ध्यान करें और उन्हें प्रणाम करें।
  • इसके बाद, माता भुवनेश्वरी को स्नान कराएँ। यदि प्रतिमा संगमरमर या धातु की है तो उसे पंचामृत से स्नान कराएँ।
  • स्नान के बाद, माता को वस्त्र, आभूषण और माला आदि से सजाएं।
  • फिर, माता को धूप, दीप, नैवेद्य, फल, फूल और अक्षत आदि अर्पित करें।
  • इसके बाद, माता भुवनेश्वरी के मंत्र ह्रीं भुवनेश्वरीयै ह्रीं नमः। का जाप करें। 
  • मंत्र जाप के बाद, माता भुवनेश्वरी की आरती करें।


माता भुवनेश्वरी की पूजा करने से मिलते हैं ये लाभ


माता भुवनेश्वरी को धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। उनकी पूजा करने से भक्तों को आर्थिक लाभ और समृद्धि की प्राप्ति होती है। माता भुवनेश्वरी अपने भक्तों को सभी प्रकार के भय और संकटों से बचाती हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को सुरक्षा और सुरक्षा की भावना प्राप्त होती है। माता भुवनेश्वरी शक्ति और ऊर्जा की प्रतीक हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को शक्ति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है, जिससे वे अपने जीवन के सभी कार्यों को सफलतापूर्वक कर पाते हैं। माता भुवनेश्वरी ज्ञान और बुद्धि की देवी भी हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है, जिससे वे अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।


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