नवीनतम लेख
माघ का महीना हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वर्ष का दसवां महीना होता है और यह दिसंबर-जनवरी के बीच आता है। माघ का महीना विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। यह महीने की शुरुआत मकर संक्रांति से होती है और इसका अंत फाल्गुन मास की शुरुआत में होता है।
माघ मास में विशेष रूप से नदी स्नान का महत्व है। भारत के विभिन्न तीर्थ स्थानों पर विशेष रूप से गंगा, यमुना, नर्मदा जैसी नदियों में माघ स्नान के लिए श्रद्धालु एकत्र होते हैं। इसे पुण्य फल देने वाला माना जाता है और यह धार्मिक यात्रा का एक अहम हिस्सा बन जाता है। इस माह भगवान विष्णु, भोलेनाथ, सूर्यदेव, मां गंगा और तुलसी की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। अब ऐसे में माघ के महीने में तुलसी की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है और नियम क्या हैं। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
माघ महीने में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। यह महीना हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और इस दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। तुलसी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है, इसलिए इस महीने में तुलसी की पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। माघ महीने में तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मान्यता है कि भगवान विष्णु तुलसी के पौधे में निवास करते हैं। तुलसी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। माघ महीने में तुलसी की पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। तुलसी की पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। तुलसी का पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।