माता चंडी की पूजा विधि

रोगों और कष्टों से मुक्ति दिलाती हैं मां चंडी, यहां जानें माता की पूजा विधि, सामग्री विस्तार से


मां चंडी जो विशेष रूप से शक्ति, दुर्गा और पार्वती के रूप में पूजी जाती हैं। उनका रूप रौद्र और उग्र होता है, और वे शत्रुओं का नाश करने वाली, बुराई का विनाश करने वाली और संसार को शांति देने वाली देवी के रूप में पूजा जाती हैं। उन्हें चंडी और चामुंडा भी कहा जाता है। मां चंडी का जन्म देवी दुर्गा के रूप में हुआ था। हिन्दू पुराणों के अनुसार, जब राक्षसों ने देवताओं पर अत्याचार करना शुरू किया और त्रिलोकी में विनाश की स्थिति उत्पन्न कर दी, तो देवताओं ने शक्ति की देवी दुर्गा का आह्वान किया। मां दुर्गा ने राक्षसों का नाश किया, लेकिन इस युद्ध में एक राक्षस चंडी नामक राक्षस ने देवताओं का अत्यधिक कष्ट दिया। तब देवी दुर्गा ने चंडी रूप धारण किया और राक्षस चंडी को नष्ट किया। इस प्रकार, चंडी देवी का रूप विशेष रूप से बुराई के नाश के लिए प्रतिष्ठित हुआ।  आइए भक्त वत्सल के इस लेख में मां चंडी की पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

मां चंडी की पूजा सामग्री


  • मां चंडी की मूर्ति
  • लाल फूल
  • लाल चन्दन
  • अक्षत
  • धूप
  • दीप
  • नैवेद्य
  • फल
  • मिठाई
  • पान
  • सुपारी
  • लौंग
  • इलायची
  • लाल वस्त्र
  • लाल चुनरी
  • श्रृंगार का सामान

मां चंडी की पूजा विधि क्या है?


  • पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें।
  • एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर माँ चंडी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • मां चंडी को लाल फूल, चुनरी, कुमकुम, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  • कलश स्थापना करें और उसमें गंगाजल, अक्षत, सुपारी, दूर्वा आदि डालें।
  • गणेश जी और अन्य देवताओं का आह्वान करें।
  • सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा करें।
  • फिर मां चंडी का ध्यान करें और उन्हें प्रणाम करें।
  • मां चंडी के मंत्रों का जाप करें।
  • नवार्ण मंत्र:
  • ॥ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॥
  • या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
  • नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
  • ॐ देवी जगद्विदधित्रि त्वं परिपाहि नः।
  • स्थितासि त्वं सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता॥
  • पूजा के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
  • पूजा के बाद मां चंडी की आरती करें।
  • मां चंडी की पूजा में लाल रंग का विशेष महत्व है। इसलिए लाल रंग के वस्त्र पहनकर माता की पूजा करें। 

मां चंडी की पूजा से व्यक्ति को मिलते हैं ये लाभ


मां चंडी की पूजा शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों पर विजय प्राप्त करने में मदद करती है। मां चंडी की पूजा भय, संकट और बाधाओं से मुक्ति दिलाती है। मां चंडी की पूजा से जीवन में समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, अगर किसी जातक को किसी तरह की कोई स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां है तो माता की पूजा करने से लाभ हो सकता है। इतना ही नहीं मां चंडी की पूजा से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।

........................................................................................................
मकर संक्रांति के 5 विशेष मंत्र

हिंदू धर्म में, सूर्यदेव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य देव 14 जनवरी को राशि परिवर्तन करेंगे। इस शुभ अवसर पर मकर संक्रांति पूरे देश में धूम-धाम से मनाई जाएगी।

पूछ रही राधा बताओ गिरधारी (Pooch Rahi Radha Batao Girdhari)

पूछ रही राधा बताओ गिरधारी,
मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।

मोक्षदा एकादशी पर कैसे करें तुलसी पूजन

शास्त्रों मोक्षदा एकादशी का व्रत बेहद मंगलकारी माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है और यह सबसे पावन दिनों में से एक माना जाता है।

भोले तेरी माया अजब निराली है (Bhole Teri Maya Ajab Nirali Hai)

भोले तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।