केतु ग्रह की पूजा विधि

इस विधि से करें केतु ग्रह की पूजा, यश और सुख में होगी वृद्धि


केतु को आध्यात्मिक विकास, मोक्ष और वैराग्य का कारक माना जाता है। केतु ग्रह व्यक्ति के पिछले जन्मों के कर्मों का फल देते हैं। यह व्यक्ति के जीवन में अचानक बदलाव ला सकता हैं, चाहे वह अच्छे हों या बुरे। केतु को मोक्ष का मार्ग दिखाने वाला भी माना जाता है। यह व्यक्ति को भौतिक सुखों से ऊपर उठकर आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता हैं। केतु का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न तरीकों से पड़ता है। यह व्यक्ति को अचानक धन लाभ या हानि, यात्रा, अलगाव, बीमारी आदि दे सकता है। केतु का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में उसकी स्थिति और अन्य ग्रहों के साथ उसके संबंधों पर निर्भर करता है। यदि केतु किसी व्यक्ति की कुंडली में कमजोर है तो उसके जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए व्यक्ति को केतु ग्रह की पूजा और उपाय करने से लाभ हो सकता है। 


गणेश जी को केतु का स्वामी माना जाता है। इसलिए केतु के दोष से मुक्ति पाने के लिए गणेश जी की पूजा करना बहुत ही लाभदायक होता है। तो आइए इस लेख में विस्तार से पूजा विधि और मंत्रों का बारे में जानते हैं। 


केतु की पूजा करने के लिए सामग्री 


  • केतु यंत्र
  • काला वस्त्र
  • काले तिल
  • लहसुनिया
  • कंबल
  • चमेली का तेल
  • साबुत उड़द
  • काली मिर्च
  • सप्तधान्य
  • लोहा
  • छाता
  • नारियल
  • फल
  • फूल


केतु की पूजा किस विधि से करें


  • आप किसी भी शुभ मुहूर्त में केतु की पूजा कर सकते हैं। लेकिन शनिवार का दिन केतु के लिए विशेष माना जाता है। इसलिए शनिवार को केतु की पूजा करने से अधिक लाभ मिलता है।
  • पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
  • केतु यंत्र को एक साफ चौकी पर स्थापित करें।
  • दीपक जलाकर केतु यंत्र के सामने रखें।
  • केतु को फल, मिठाई आदि अर्पित करें।
  • केतु मंत्र का जाप करें। केतु मंत्र है: "ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम:"। इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
  • केतु यंत्र पर फूल, कुमकुम और चंदन चढ़ाएं।
  • अपनी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधें।
  • शनिवार को व्रत रखना और पीपल के पेड़ की पूजा करना भी केतु दोष शांत करने का एक प्रभावी उपाय है।
  • कंबल, छाता, लोहा, उड़द, गर्म कपड़े, कस्तूरी, लहसुन आदि का दान करना भी लाभकारी होता है।
  • गणेश जी को केतु का कारक माना जाता है। इसलिए गणेश जी की नियमित पूजा करने से भी केतु दोष शांत होता है।
  • हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से भी केतु दोष शांत होता है।


केतु की पूजा करने का महत्व


अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में केतु दोष है तो उसकी पूजा करने से यह दोष शांत होता है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती हैं। केतु पूजा व्यक्ति को मोक्ष के मार्ग पर ले जाने में मदद करती है। केतु पूजा करने से मन शांत होता है और व्यक्ति तनाव मुक्त महसूस करता है। केतु पूजा करने से व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है और धन लाभ होता है। साथ ही उसकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं और व्यक्ति स्वस्थ रहता है। केतु पूजा करने से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। केतु पूजा से सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।


केतुदोष से छुटकारा पाने के लिए मंत्रों का जाप


  • शनिवार का दिन केतु के लिए विशेष माना जाता है। इसलिए शनिवार को मंत्र जाप करने से अधिक लाभ मिलता है।
  • ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नमः
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय: 
  • श्री गणेश स्तोत्र

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