हर इंसान के लिए उसका जन्मदिन बेहद खास होता है। आमतौर पर यह दिन केक काटने, मोमबत्तियां बुझाने और पार्टी करने में बीत जाता है। लेकिन हिंदू संस्कृति में यह दिन सिर्फ उत्सव नहीं, एक आध्यात्मिक अवसर होता है — जहां दीर्घायु, आरोग्यता और समृद्धि के लिए विशेष पूजन किया जाता है।
जैसे जीवन में जन्म, विवाह और मृत्यु – ये तीन सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव होते हैं, वैसे ही जन्मदिवस आत्मनिरीक्षण और पुण्य कमाने का विशेष अवसर होता है। वैदिक मान्यता के अनुसार, इस दिन आयु का एक वर्ष कम हो जाता है, इसलिए अगला वर्ष मंगलमय हो, इसके लिए ईश्वर की शरण में जाना आवश्यक होता है।
पश्चिमी परंपरा में मोमबत्तियां बुझाई जाती हैं, लेकिन वैदिक परंपरा कहती है कि जितनी उम्र हो चुकी है, उतने दीए भगवान के सामने जलाएं। आने वाले वर्ष के लिए एक बड़ा दीपक अलग से जलाएं। इससे जीवन में उजाला और नकारात्मकता से रक्षा होती है। छोटे बच्चों के लिए रंगीन चावलों से स्वस्तिक बनाकर उस पर दीप जलाना भी शुभ माना गया है।
ज्येष्ठ माह हिंदू पंचांग का तीसरा महीना होता है, जिसे आम भाषा में ‘जेठ महीना’ कहा जाता है। यह महीना बहुत खास होता है क्योंकि इसमें न केवल भीषण गर्मी पड़ती है बल्कि कई धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के पर्व भी आते हैं। पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ का महीना 13 मई 2025 से शुरू होकर 11 जून 2025 तक रहेगा।
ज्येष्ठ माह हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना होता है, जिसे जेठ भी कहा जाता है। इस माह की शुरुआत हर साल मई में होती है, और इस साल यह 13 मई 2025 से शुरू हो रहा है। इस समय सूर्य अपनी पूरी ताकत के साथ चमकता है, जिससे गर्मी अपने चरम पर होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास साल का तीसरा महीना होता है और इस बार यह महीना 13 मई 2025 से शुरू होकर 11 जून 2025 तक रहेगा। यह महीना भगवान सूर्य को समर्पित माना जाता है और इसे पुण्य प्राप्ति का समय माना जाता है। इस मास में स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है।
ज्येष्ठ माह हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का तीसरा महीना होता है। यह महीना विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसमें कई प्रमुख व्रत, त्योहार और पूजा-अर्चना की जाती है।