देव गुरु बृहस्पति की पूजा विधि?

इस विधि से करें देव गुरु बृहस्पति की पूजा, शीघ्र बनेंगे विवाह के योग


हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है। उसी प्रकार, गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति देव का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से बृहस्पति की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए अक्सर गुरुवार का व्रत रखा जाता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके बृहस्पति देव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की किस्मत खुल जाती है। ज्योतिष के अनुसार भी हफ्ते का प्रत्येक दिन किसी विशेष ग्रह से जुड़ा है। उस ग्रह के देवता उस दिन के स्वामी माने जाते हैं। गुरुवार का दिन बृहस्पति ग्रह से जुड़ा होने के कारण, इस दिन बृहस्पति देव की पूजा का विशेष महत्व है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि देव गुरु बृहस्पति की पूजा किस विधि से करें और पूजा का महत्व क्या है। 


देव गुरु बृहस्पति की पूजा के लिए सामग्री 


  • पीले रंग की वस्तुएं
  • पीले फूल
  • पीला चंदन
  • पीला वस्त्र
  • पीले फल
  • शुद्ध घी का दीपक
  • धूपबत्ती 
  • चने की दाल
  • गुड़
  • मुनक्का
  • गंगाजल
  • रोली
  • चावल
  • कुमकुम
  • तुलसी के पत्ते
  • जल से भरा कलश


देव गुरु बृहस्पति की पूजा किस विधि से करें? 


  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें।
  3. बृहस्पति देव की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं और पीले वस्त्र चढ़ाएं।
  4. पीले फूल, फल, मिठाई, चावल, हल्दी, चने की दाल और मुनक्का चढ़ाएं।
  5. दीपक जलाकर धूप और अगरबत्ती दिखाएं।
  6. बृहस्पति देव का मंत्र जाप करें: ‘ॐ ग्रां ग्रां ग्रौं स: बृहस्पतये नमः’
  7. आखिर में देव गुरु बृहस्पति की आरती उतारें।
  8. पूजा में हल्दी जरूर चढ़ाएं और उसके बाद स्वयं अपने माथे पर हल्दी का तिलक लगाएं। ऐसी मान्यता है कि हल्दी का तिलक करने से व्यक्ति के विवाह में आ रही समस्याएं दूर हो सकती हैं। 


देव गुरु बृहस्पति की पूजा का महत्व क्या है?


देव गुरु बृहस्पति को ज्ञान, धन, धर्म और मोक्ष का कारक माना जाता है। इनकी पूजा करने से जीवन में कई प्रकार के लाभ मिलते हैं।  बृहस्पति को ज्ञान का देवता कहा जाता है। इनकी पूजा करने से बुद्धि का विकास होता है और व्यक्ति ज्ञानवान बनता है।  बृहस्पति को धन का कारक भी माना जाता है। इनकी कृपा से व्यक्ति धनवान बनता है और उसके जीवन में समृद्धि आती है। बृहस्पति विवाह के लिए शुभ ग्रह माने जाते हैं। इनकी पूजा करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। संतान प्राप्ति के लिए भी बृहस्पति की पूजा की जाती है। इनकी कृपा से संतान प्राप्ति में आ रही समस्याएं दूर होती हैं। बृहस्पति करियर में सफलता दिलाने वाले ग्रह हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को नौकरी में पदोन्नति मिलती है और व्यापार में लाभ होता है। बृहस्पति स्वास्थ्य के लिए भी शुभ माने जाते हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।


........................................................................................................
सब धामों से धाम निराला, श्री वृन्दावन धाम(Sab Dhamo Se Dham Nirala Shri Vrindavan Dham)

सब धामों से धाम निराला,
श्री वृन्दावन धाम,

राम दशरथ के घर जन्मे (Ram Dashrath Ke Ghar Janme)

राम दशरथ के घर जन्मे,
घराना हो तो ऐसा हो,

शिव द्वादशज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम् (Shiv Dwadash Jyotirlinga Stotram)

सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्येज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्।
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णतं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये॥1॥

अक्टूबर में इस दिन पड़ेगी विनायक चतुर्थी, जानें इस दिन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि है, जो ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि के देवता हैं। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी दोनों ही भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के अवसर हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने