हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। हर साल भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और आश्विन अमावस्या तक चलता है। इस दौरान पूर्वजों को भोजन और अर्पण कर श्रद्धांजलि दी जाती है।
2025 में भाद्रपद पूर्णिमा तिथि 07 सितंबर को रात 01:41 बजे प्रारंभ होगी और 07 सितंबर को ही रात 11:38 बजे समाप्त होगी। अतः 07 सितंबर 2025 से पितृ पक्ष आरंभ होगा और 21 सितंबर 2025 को सर्व पितृ अमावस्या के दिन समाप्त होगा।
पितृ पक्ष के दौरान संयमित आहार, ब्रह्मचर्य और सदाचरण का पालन करना आवश्यक होता है।
वैदिक पंचाग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में कृष्ण जन्माष्टमी आज यानी 22 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने और जीवन के दुखों को दूर करने का श्रेष्ठ अवसर है।
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ।
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
सब की आँखों का तारा
बुहा खोल के माये,
जरा तक ते ले,