Aaj Ka Panchang 8 February 2025: आज 08 फरवरी 2025 माघ माह का 26वां दिन का है और आज इस पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। वहीं आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर वैधृति योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा मिथुन राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त है। जो दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल सुबह 9 बजकर 53 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं। जो शनिदेव को समर्पित है और आज ही जया एकादशी का यह व्रत भी है। जो भगवान विष्णु को समर्पित है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, चंद्र देव का राशि परिवर्तन 8 फरवरी 2025 को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर होगा। इस समय वो वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस खगोलीय घटना का तीन राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा।
आज का उपाय 8 फरवरी 2025
8 फरवरी को वैधृति योगका दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा मिथुन राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। इस शुभ योग में भाग्योदय हो सकता है। आज 8 फरवरी को माघ मास का शनिवार का दिन है और इस दिन शनिवार का व्रत और एकादशी तिथि (जया एकादशी) का व्रत रखा जाएगा। इसलिए आप आज के दिन पीले वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें। भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं और आज के दिन अन्न और पीले रंग की चीजों का दान करने बेहद शुभ माना गया है।
आज माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। आजमृगशिर्षा नक्षत्र है, जो कि सभी कार्यों को सिद्ध और मनोकामना पूर्ति के लिए शुभ फलदायी माना गया है। वैधृति योग आज का योग है। यह योग स्थिर कार्यों के लिए अच्छा है, लेकिन यात्रा आदि के लिए शुभ नहीं है। आज शनिवार है, जो कि शनि देव को समर्पित है। इस दिन शनि देव की पूजा करने से शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है। आज के दिन भगवान विष्णु और शनि देव की पूजा करें। एकादशी का व्रत रखें। शुभ मुहूर्त में महत्वपूर्ण कार्य करें। अशुभ मुहूर्त में यात्रा आदि से बचें। आज के दिन तामसिक भोजन न करें। किसी से झूठ न बोलें और न ही किसी को धोखा दें। किसी भी प्रकार का नशा न करें। आज के दिन कुछ विशेष योग बन रहे हैं, जो कि आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं। आज के दिन आप किसी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।
इतनी कथा सुनकर महाराज युधिष्ठिर ने भगवान् से कहा-प्रभो ! अब आप कृपा करके कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के माहात्म्य का वर्णन करिये। पाण्डुनन्दन की ऐसी वाणी सुन भगवान् कृष्ण ने कहा-हे राजन् !
ब्रह्माजी ने कहा कि हे मनिश्रेष्ठ ! गंगाजी तभई तक पाप नाशिनी हैं जब तक प्रबोधिनी एकादशी नहीं आती। तीर्थ और देव स्थान भी तभी तक पुण्यस्थल कहे जाते हैं जब तक प्रबोधिनी का व्रत नहीं किया जाता।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती, ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी॥