Aaj Ka Panchang 29 May 2025: आज 29 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का अठारहवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष तिथि तृतीया है। आज गुरूवार का दिन है। इस तिथि पर रवि योग रहेगा। सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मिथुन राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज गुरूवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:51 ए एम से 12:46 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 02:02 पी एम से 03:46 पी एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। आज कोई खास त्योहार नहीं है, लेकिन आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि समाप्त - 11:18 पी एम तक
रवि योग और सर्वार्थसिद्धि योग जब एक ही दिन पड़ते हैं, तो वह दिन अत्यंत शुभ, दुर्लभ और सिद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है।
रवि योग सूर्य के प्रभाव से युक्त एक विशेष शुभ योग होता है, जिसमें बाधा रहित कार्य सिद्ध होते हैं। यह योग विशेष रूप से शत्रु नाश, रोग निवारण, सरकारी कार्यों और प्रतिष्ठा से जुड़े कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
वहीं सर्वार्थसिद्धि योग का अर्थ है – सभी कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला योग। इसमें आरंभ किया गया कोई भी कार्य सफलता की दिशा में अग्रसर होता है। जब ये दोनों योग एक साथ आते हैं, तो उस दिन नया कार्य, व्यापार, यात्रा, खरीदारी, निवेश, परीक्षा या कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह संयोग अत्यंत लाभकारी और शुभ फलदायी होता है।
भारत की आध्यात्मिक संस्कृति में नागा साधु एक विशेष स्थान रखते हैं। आपने कुंभ मेले में इन्हें शाही स्नान करते, युद्ध कला का प्रदर्शन करते और परंपरागत तरीके से जीवन जीते हुए जरूर देखा होगा। इनकी जड़ें भारतीय सनातन धर्म में गहराई तक फैली हुई हैं। ये अनुशासन, संयम और साधना के लिए विख्यात हैं।
भारतीय ज्योतिष में भविष्यफल जातक की चंद्र राशि के आधार पर ही निर्धारित की जाती है। मन के साथ-साथ चंद्रमा को माता का कारक ग्रह भी माना जाता है। चंद्रमा राशि चक्र की चतुर्थ राशि यानि कर्क राशि के स्वामी माने जाते हैं।
अखाड़े महाकुंभ की शान होते हैं। इन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु कुंभ मेले में पहुंचते हैं। अखाड़ा परिषद ने कुल 13 अखाड़ों को मान्यता दे रखी है। यह अखाड़े बड़े लोकप्रिय और प्रसिद्ध है। इनमें आम तौर पर महिला संत और पुरुष संत होते हैं।
प्रयागराज में महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो रहा है। सभी 13 अखाड़े शाही स्नान के लिए पहुंच गए हैं।लेकिन महिलाओं का एक अखाड़ा बेहद चर्चा में बना हुआ है। बता दें कि महिलाओं के परी अखाड़े को प्रयाग महाकुंभ की व्यवस्थाओं से खुश नहीं है।