Aaj Ka Panchang 16 March 2025: पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस तिथि पर हस्त नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा तुला राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त का योग दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 59 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल शाम 05 बजकर 03 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 32 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं। इस दिन सूर्यदेव की पूजा विधिवत रूप से करने से आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज रविवार के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से भाग्योदय हो सकता है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
16 मार्च 2025 को चंद्र तुला राशि में गोचर करेगा। ज्योतिष में, चंद्रमा को मन और भावनाओं का कारक माना जाता है, और इसका गोचर विभिन्न राशियों के लिए अलग-अलग प्रभाव डालता है। यह गोचर लोगों को अधिक संवेदनशील और भावनात्मक बना सकता है। संबंधों में मधुरता आ सकती है।
16 मार्च को हस्त नक्षत्र और वृद्धि योग का दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा तुला राशि और सूर्य मीन राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। वहीं आज रविवार का दिन है। आप आज सूर्यदेव की पूजा विधवत रूप से करें। साथ ही सूर्यदेव को अर्घ्य जरूर दें। इसके अलावा आज के दिन पीले रंग की चीजों का दान जरूर करें।
आज हस्त नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। आज रविवार का दिन है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा जरूर करें।
भारतीय परंपरा में मनोकामना पूर्ति और विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मंत्रों का जाप एक प्राचीन प्रथा है। इन मंत्रों में से एक विशिष्ट श्रेणी, जिसे शाबर मंत्र कहा जाता है अपनी प्रभावशीलता और सरलता के लिए विशेष रूप से जानी जाती है।
हिंदू धर्म और सनातन परंपरा में मंत्रों का विशेष महत्व है। इनके उच्चारण से ना सिर्फ आध्यात्मिक उन्नति होती है। बल्कि, यह मानसिक और शारीरिक शांति भी प्रदान करता है।
दिक मंत्र सदियों से सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म का अभिन्न हिस्सा रहा हैं। ये मंत्र प्राचीन वैदिक साहित्य से उत्पन्न हुए हैं और इनका उल्लेख वेदों, उपनिषदों और अन्य धर्मग्रंथों में भी मिलता है।
देव है ये भोले भक्तो का,
खुद भी भोला भाला,