शनिवार को किन मंत्रों का जाप करें?

शनिवार के दिन राशि अनुसार करें इन मंत्रों का जाप और उपाय


शनिवार शनिदेव की पूजा-अर्चना के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। शनिदेव को न्याय के देवता और कर्मफल दाता के रूप में जाना जाता है। उनकी पूजा से साधक के जीवन में खुशियां आती हैं और सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि कुंडली में शनि ग्रह मजबूत स्थिति में हो, तो व्यक्ति को करियर और जीवन में मनचाही सफलता मिलती है। साथ ही, सरकारी नौकरी के प्रबल योग बनते हैं। तो आइए जानते हैं प्रत्येक राशि के लिए कौन सा मंत्र जाप करना चाहिए और इसके साथ कौन से उपाय लाभकारी हो सकते हैं।


शनिवार के दिन पूजा का महत्व


शनिवार के दिन शनिदेव की कृपा प्राप्त करने और शनि दोष, ढैय्या, व साढ़ेसाती के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए विशेष उपाय और मंत्र जाप करना चाहिए। ज्योतिषियों के अनुसार, राशि के अनुसार किए गए इन उपायों से साधक की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं। साथ ही, शनिदेव की स्थिति मजबूत होती है और व्यक्ति आर्थिक रूप से संपन्न बनता है।


शनिवार के दिन की पूजा विधि


  • शनिवार को सूर्योदय से पहले स्नान करें।
  • स्वच्छ वस्त्र पहनकर शनि मंदिर जाएं।
  • शनिदेव की प्रतिमा पर काले तिल, काले उड़द और सरसों का तेल चढ़ाएं।
  • अपनी राशि के अनुसार बताए गए मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र का दान करें।


राशि अनुसार मंत्र और उपाय


1) मेष राशि मंत्र: “ऊँ शनैश्चराय नमः”

उपाय: शनिवार को सूर्योदय से पहले स्नान करें और काले तिल, काले उड़द और सरसों के तेल का दान करें।


2) वृषभ राशि मंत्र: “ऊँ शान्ताय नमः”

उपाय: किसी गरीब को काले वस्त्र और जूते दान करें। शनि मंदिर में दीप जलाएं।


3) मिथुन राशि मंत्र: “ऊँ शरण्याय नमः”

उपाय: पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।


4) कर्क राशि मंत्र: “ऊँ सर्वेशाय नमः”

उपाय: काले कंबल का दान करें और गरीबों को भोजन कराएं।


5) सिंह राशि मंत्र: “ऊँ सुन्दराय नमः”

उपाय: शनि मंदिर में काले उड़द और लोहे की वस्तु अर्पित करें।


6) कन्या राशि मंत्र: “ऊँ घनरूपाय नमः”

उपाय: पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि चालीसा का पाठ करें।


7) तुला राशि मंत्र: “ऊँ महेशाय नमः”

उपाय: शनिदेव को नीले फूल अर्पित करें और गरीबों को सरसों का तेल दान करें।


8) वृश्चिक राशि मंत्र: “ऊँ नीलवर्णाय नमः”

उपाय: काले तिल और गुड़ का दान करें। शनिदेव की मूर्ति पर नीला वस्त्र चढ़ाएं।


9) धनु राशि मंत्र: “ऊँ वेद्याय नमः”

उपाय: काले चने और तेल का दान करें। पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें।


10) मकर राशि मंत्र: “ऊँ वीराय नमः”

उपाय: लोहे की अंगूठी शनिवार के दिन धारण करें और शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं।


11)  कुंभ राशि मंत्र: “ऊँ गोचराय नमः”

उपाय: किसी जरूरतमंद को छाता और काले रंग का कपड़ा दान करें।


12) मीन राशि मंत्र: “ऊँ वरिष्ठाय नमः”

उपाय: शनि मंदिर में जाकर तेल का दीपक जलाएं और गरीबों को मीठा भोजन कराएं।


अच्छे कर्मों का मिलता है फल


अगर आप भी शनिदेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन विधिपूर्वक पूजा करें और अपनी राशि के अनुसार बताए गए मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि श्रद्धा और भक्ति से उनकी पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। यह मंत्र आपकी कुंडली में शनि के दोषों को दूर करेगा और उनकी शुभ दृष्टि बनाए रखेगा। बता दें कि शनिदेव अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल प्रदान करते हैं, जबकि बुरे कर्मों का दंड देते हैं।


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जागरण की रात मैया, जागरण में आओ (Jagran Ki Raat Maiya Jagran Mein Aao)

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दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,
( दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,)

श्री शिवमङ्गलाष्टकम्

भवाय चन्द्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने ।

वायुदेव की पूजा विधि क्या है

सनातन धर्म में वायु देवता बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। वेदों में इनका कई बार वर्णन मिलता है और इन्हें भीम का पिता और हनुमान के आध्यात्मिक पिता माना जाता है। वायु पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) में से एक है और इसे जीवन का आधार माना जाता है।

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