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मंत्र जाप के लाभ

मंत्र जाप के लाभ

सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं मंत्र, जानिए क्या है जाप करने के फायदे 


‘मंत्र’ शब्द संस्कृत भाषा से आया है। यहां 'म' का अर्थ है मन और 'त्र' का अर्थ है मुक्ति। मंत्रों का जाप मन की चिंताओं को दूर करने, तनाव और रुकावटों को दूर करने एवं आपको बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करने में मदद करने का एक सिद्ध तरीका है। मंत्र जाप एक प्रकार का ध्यान है जो जागरूकता और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है। यह एक प्राचीन परंपरा है जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। सही विधि और नियमित अभ्यास से आप मानसिक शांति, शारीरिक ऊर्जा और आध्यात्मिक प्रगति का अनुभव कर सकते हैं।


क्या है मंत्र जाप ?


मंत्र कई मामलों में व्यक्ति को विभिन्न चिंताओं और बाधाओं से मुक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। मंत्र जाप का अभ्यास व्यक्ति के ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें  मानसिक रूप से भी लाभ पहुंचाता है। इसे प्राचीन भारतीय परंपराओं में ऊर्जा और सकारात्मकता का बेहतरीन स्रोत माना गया है।


मंत्र जाप के लाभ


मंत्र जाप हमारे शरीर और मन पर गहरे स्तर पर प्रभाव डालता है। नियमित रूप से मंत्रों का जाप करने से हमें कई तरह के लाभ मिलते हैं जो इस प्रकार हैं।

  • मानसिक शांति: इससे तनाव और चिंताओं को कम करने में मदद मिलती है।
  • ध्यान केंद्रित करने की क्षमता: मन को एकाग्र और स्थिर बनाने में भी मंत्र सहायक होते हैं। 
  • ऊर्जा का संचार: शरीर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
  • चिकित्सीय लाभ: मंत्रों की ध्वनि शरीर की कंपन प्रणाली को संतुलित करती है, जिससे स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।
  • आध्यात्मिक लाभ: मंत्र जाप से आत्मिक विकास और ब्रह्मांड के साथ एकता का अनुभव किया जा सकता है।


मंत्र जाप कैसे काम करता है?


मंत्र जाप एक विशिष्ट ध्वनि, शब्द, वाक्यांश या वाक्य का बार-बार दोहराना है। इससे शरीर में उच्च कंपन उत्पन्न होता है। इस कंपन का प्रभाव शरीर और मन पर गहराई से पड़ता है। मंत्र जाप करने से श्वास की लय धीरे-धीरे स्थिर होती है, जिससे मन पहले से शांत होता है। इसके अलावा, जब मंत्र को सही उच्चारण और नियमों के साथ जपा जाता है, तो यह हमारे आभामंडल को भी शुद्ध करता है।


मंत्रों के प्रकार


मंत्र कई प्रकार के हो सकते हैं। 

  1. बीज मंत्र: एकल ध्वनि जैसे "ओम"।
  2. संयुक्त मंत्र: एक या अधिक शब्द जैसे "ओम नमः शिवाय"।
  3. वैदिक मंत्र: ऋग्वेद और अन्य वेदों से लिए गए मंत्र, जैसे गायत्री मंत्र।
  4. तांत्रिक मंत्र: विशेष अनुष्ठानों के लिए उपयोग किए जाने वाले मंत्र।


कुछ प्रसिद्ध मंत्र 


  1. गायत्री मंत्र: ऋग्वेद का अत्यधिक सम्मानित मंत्र, जो सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक प्रकाश प्रदान करता है।
  2. महामृत्युंजय मंत्र: यह मंत्र आत्म-उपचार और दीर्घायु के लिए जाना जाता है।
  3. ओम नमः शिवाय: भगवान शिव को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र।
  4. ओम शांति: सार्वभौमिक शांति और चेतना का प्रतीक।
  5. सोहम: जिसका अर्थ है "मैं वही हूँ", आत्मा और ब्रह्मांड के बीच संबंध को समझने के लिए।


मंत्र जाप की विधि


  • शुद्ध स्थान का चयन करें: मंत्र जाप करने के लिए शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें।
  • सही आसन अपनाएं: पद्मासन या सुखासन में बैठें, ताकि आपकी रीढ़ सीधी रहे।
  • माला का उपयोग करें: माला जिसमें 108 मोती होते हैं इनका उपयोग करें और प्रत्येक मनके पर मंत्र को दोहराते जाएं।
  • श्वास-प्रश्वास का समन्वय: मंत्र जाप करते समय अपनी श्वास के साथ तालमेल बिठाएं।
  • सामयिक नियमितता: प्रतिदिन निश्चित समय पर जाप करने की आदत डालें।


मंत्र जाप के वैज्ञानिक पहलू


मंत्र जाप के दौरान उत्पन्न ध्वनि तरंगे हमारे मस्तिष्क की अल्फा और थीटा तरंगों को सक्रिय करती हैं। ये तरंगें मानसिक शांति और जागरूकता बढ़ाने में सहायक होती हैं। इसके अतिरिक्त, मंत्र जाप से एंडोर्फिन का स्राव बढ़ता है, जो तनाव को कम करता है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।


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मोहे मिठो मिठो, सरजू जी को पानी लागे(Mohe Mitho Mitho Saryu Ji Ko Pani Lage)

सीता राम जी प्यारी राजधानी लागे,
राजधानी लागे,

मोहे मुरली बना लेना(Mohe Murli Bana Lena)

कान्हा मेरी सांसो पे,
नाम अपना लिखा लेना,

मोहे रंग दो अपने ही रंग में, मोहे ओ सांवरिया(Mohe Rang Do Apne Hi Rang Mein Mohe O Sawariya)

नैना लागे जब मोहन से,
नैना को कुछ रास ना आए,

मोहे तो लगन, मेरे खाटू धाम की(Mohe to Lagan Mere Khatu Dham Ki)

ना मैं जाऊं मथुरा काशी,
मेरी इच्छा ना ज़रा सा,

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