श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम (Shri Padmanabhaswamy Mandir, Keral, Tirooanantapuram)

दर्शन समय

3:00 AM - 11:00 PM

श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम


श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर का महत्व: 


श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, जो केरल के तिरूअनंतपुरम शहर में स्थित है, हिन्दू धर्म के एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में माना जाता है। यह मंदिर हिन्दू समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और विशेष रूप से वैष्णव समुदाय के लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।

इस मंदिर का मुख्य देवता भगवान पद्मनाभस्वामी है, जो विष्णु भगवान के एक रूप हैं। पद्मनाभस्वामी को श्रीलंका से ले जाकर केरल में प्रतिष्ठापित किया गया था। यहाँ केरल के स्थानीय लोग भगवान पद्मनाभस्वामी को अत्यंत प्रिय करते हैं और इस मंदिर को अपने धर्म संसार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।

श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास और धार्मिक महत्व बहुत पुराने समय से है। इसका निर्माण और पुनर्निर्माण कई सदियों से चला आ रहा है और इसकी भव्यता और शौर्य धर्म के इस महान भव्य मंदिर को और भी प्रतिष्ठित बनाता है।

इस मंदिर के प्रति हिन्दू समुदाय का श्रद्धाभाव अत्यंत उत्साहित करता है। यहाँ केरल के लोग नियमित रूप से आते हैं और भगवान पद्मनाभस्वामी की पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा, इस मंदिर में विभिन्न त्योहारों और उत्सवों का आयोजन किया जाता है, जो धार्मिक और सामाजिक महत्व के साथ-साथ सामुदायिक एकता को भी बढ़ावा देते हैं।

यहाँ के मंदिर में भगवान पद्मनाभस्वामी की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं, जो भक्तों को धार्मिक उत्साह और आनंद प्रदान करती हैं। इस मंदिर की श्रद्धालुओं के लिए यहाँ दान-धर्म, सेवा, और पूजन का माहौल होता है जो उन्हें धार्मिक उन्नति की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।

इस प्रकार, श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर का केरल के हिन्दू समुदाय में बहुत अद्वितीय महत्व है और यह एक संगीतमय, धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है।


श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर की कथा:

श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर के पीछे एक रोमांचक कथा है जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती है।

कथा के अनुसार, एक समय केरल के इस स्थान पर प्राचीन कोच्चि राज्य के राजा राज्यवर्धन नामक राजा रहते थे। एक दिन राजा को स्वप्न आया कि उसे एक विशेष रत्न मिलेगा जो समृद्धि और धन का स्रोत होगा। स्वप्न के बाद, राजा ने अपने शासकीय विश्वासपात्रिका में विचार किया और उन्होंने इसे एक बड़े खजाने में संग्रहित करने का निर्णय लिया।

राजा ने अपने विशेषाधिकारियों को इस खोज के लिए नियुक्त किया, लेकिन कुछ समय बाद यह राजा के बारे में भयंकर खबर सुनाते हैं। उसकी राजमहल में सिर्फ एक छोटी सी गुफा ही बची है, क्योंकि उसका सम्पूर्ण खजाना चोरी हो गया है। इसे सुनकर राजा अत्यंत चिंतित हो जाते हैं और उन्होंने अपने सभी संरक्षकों को गहरी जाँच के लिए आदेश दिया।

कई दिनों बाद, एक साधु राजा के सामने प्रकट होते हैं और उन्हें बताते हैं कि श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर के पीछे एक गुप्त गुफा है, जहां राजा के खजाने का एक भाग छिपा हुआ है। राजा ने साधु की बात को सुनकर वहां अपने विशेषाधिकारियों के साथ पहुंचते हैं और वहां वास्तविकता में उन्हें गुप्त खजाने का पता चलता है। इसके बाद, राजा ने उस धन का उपयोग धर्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए किया और श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर का निर्माण करने में सहायता की।

इस प्रकार, श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर के पीछे एक रोमांचक कथा है जो धार्मिक और सामाजिक महत्व के साथ-साथ समृद्धि और समृद्धि के स्रोत के रूप में भी मानी जाती है।


श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर में पूजा की विधि :

श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर में पूजा की विधि बहुत ही समृद्ध और परंपरागत है। यहाँ पूजा एक विशेष क्रम में की जाती है और धार्मिक आदान-प्रदान के साथ-साथ संगीत, भजन और प्रवचनों का भी अभ्यास होता है।

पूजा की प्रारंभिक चरण में पुजारी या पूजा के द्वारा सभी समर्पणों का आयोजन करते हैं। यहाँ एक संकेत मिलता है कि श्रद्धालु अपने पास लाए गए पुष्प, फल, नारियल, घी, दीपक, सिंदूर, धूप, चावल, गंगाजल आदि सामग्री को पूजा के लिए साथ लाएं।

पूजा की शुरुआत में अग्नि और धूप के साथ वेद मंत्रों का पाठ किया जाता है। फिर पूजा के लिए ध्यान और मन्त्र जप किया जाता है जिसमें भगवान की महिमा और आराधना की जाती है। इसके बाद, धूप, दीपक, नैवेद्य, और चंदन का चढ़ावा किया जाता है।

पूजा के दौरान भक्तों को मंदिर के नियमों और विधियों का पालन करने का निर्देश दिया जाता है। समय-समय पर पूजा के लिए विशेष अनुष्ठान और आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान की प्रतिमा के सामने गाने गाए जाते हैं और उसे विशेष प्रदर्शन किया जाता है।

धार्मिक उत्सवों और त्योहारों के दिनों में पूजा का आयोजन और धार्मिक अनुष्ठान और उत्सवों की समाप्ति पर भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है।

इस प्रकार, श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर में पूजा की विधि एक सात्विक और श्रद्धापूर्ण अनुभव के रूप में निर्धारित की जाती है जो भक्तों को धार्मिक और आध्यात्मिक उत्साह में लिपटे रहने का संदेश देती है।


श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम पहुँचने के लिए परिवहन सुविधाएं।

श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, तिरुअनंतपुरम, केरल, तक पहुँचने के लिए विभिन्न परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहाँ इस मंदिर तक पहुँचने के लिए कुछ मुख्य सुविधाएं हैं:

  1. हवाई: तिरुअनंतपुरम के निकटतम विमानक्षेत्र, तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (TRV), है। यहाँ से आपको मंदिर तक टैक्सी, बस या किराए की गाड़ी से जाना संभव है।


  1. रेलवे: तिरुअनंतपुरम का रेलवे स्टेशन (TVC) भारतीय रेलवे के साथ जुड़ा हुआ है। यह रेलवे स्टेशन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ट्रेनों के लिए एक मुख्य रेलवे हब के रूप में काम करता है।

  2. सड़क: केरल के अन्य शहरों और स्थानों से आप बस, टैक्सी, और गाड़ी से यहाँ आ सकते हैं। राज्य मार्ग और नेशनल हाइवे का नेटवर्क मंदिर के पास उपलब्ध है।


  1. बस: केरल सरकार के अनेक राज्य और अंतर-राज्य बस सेवाएं उपलब्ध हैं जो तिरुअनंतपुरम तक आती हैं।


  1. टैक्सी / किराए की गाड़ी: स्थानीय टैक्सी सेवाएं और किराए की गाड़ियों का उपयोग करके आप मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

इन सभी परिवहन सुविधाओं का उपयोग करके भारत के विभिन्न हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं को श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर तक पहुंचने में सहायता मिलती है।


श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल के आस-पास रुकने के लिए कुछ होटल और गेस्ट हाउस की सूची निम्नलिखित है:

श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर के आस-पास कुछ अच्छे होटल और गेस्ट हाउस हैं, जो श्रद्धालुओं को उनके स्थानीय रहने के लिए सुविधाजनक विकल्प प्रदान करते हैं। यहाँ कुछ उत्कृष्ट विकल्प हैं:

  1. Uday Suites - यह होटल श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर से केवल कुछ किलोमीटर दूर है और यहाँ विभिन्न आरामदायक कक्ष उपलब्ध हैं।


  1. KTDC Mascot Hotel - यह होटल भी मंदिर के पास स्थित है और यहाँ आरामदायक कमरे और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।


  1. Ginger Trivandrum - इस होटल का स्थान भी मंदिर के निकट है और यहाँ आरामदायक रहने की सुविधा उपलब्ध है।


  1. SP Grand Days - यह एक अन्य उत्कृष्ट विकल्प है, जो मंदिर के पास स्थित है और श्रद्धालुओं को आरामदायक रहने की सुविधा प्रदान करता है।


  1. Hotel Apollo Dimora - यह भी मंदिर के पास स्थित है और यहाँ आरामदायक रहने की सुविधा है।


  1. तिरुवनंतपुरम रेसिडेंसी: यह गेस्ट हाउस मंदिर के करीब स्थित है और यहाँ साफ और सुविधाजनक कमरे प्रदान किए जाते हैं।


  1. शान्ती गेस्ट हाउस: यह भी मंदिर के पास स्थित है और वहाँ आरामदायक रहने की सुविधा है।


  1. देवीनिकेतन इंटरनेशनल होम स्टे: यह गेस्ट हाउस मंदिर के पास स्थित है और वहाँ आरामदायक रहने की सुविधा है।


  1. गुरुकृपा होमस्टे: यह भी मंदिर के आस-पास है और यहाँ शांति और सुकून की वातावरण है।


  1. होटल मौनिक: यह होटल भी मंदिर के निकट स्थित है और यहाँ आरामदायक रहने की सुविधा है।

इन होटलों और गेस्ट हाउसेस की बुकिंगें आप ऑनलाइन या टेलीफोन द्वारा कर सकते हैं, और ये सभी अपने स्थानीयता, सुविधाओं, और सेवाओं के लिए प्रसिद्ध हैं।


डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।