जाखू हनुमान मंदिर शिमला, हिमाचल प्रदेश (Jakhu Hanuman Temple, Shimla, Himachal Pradesh)

दर्शन समय

7 AM - 8 PM

संजीवनी बूटी लाते समय यहां पर रुके थे हनुमान जी, ये है शिमला का जाखू हनुमान मंदिर 



शिमला की खूबसूरत  शिवालिक पहाड़ियों के बीच स्थित जाखू हनुमान मंदिर एक विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पवन पुत्र हनुमान जी को समर्पित है और यहां हर साल हजारों की तादाद में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं। धार्मिक मान्यता है कि रावण से युद्ध के दौरान जब लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे, तो संजीवनी बूटी लाने हेतु लंका से हिमालय जाने के क्रम में हनुमान जी यहां पर पहुंचे थे। तो आइए, इस आर्टिकल में हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित इस अनोखे जाखू हनुमान मंदिर के बारे में और विस्तार से जानते हैं। 

रामायण काल से जुड़ा मंदिर का इतिहास 


रामायण काल की एक रोचक घटना के अनुसार, जब लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे, तो संजीवनी बूटी लाने के लिए हनुमान हिमालय की ओर गए। रास्ते में वे यक्ष ऋषि से मिले और जड़ी-बूटी के बारे में जानकारी ली। भारी वजन के कारण पहाड़ की चोटी समतल हो गई। हनुमान ने लौटकर मिलने का वादा किया, लेकिन कालनेमि राक्षस से लड़ाई के कारण वे नहीं लौट पाए। यक्ष ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान हनुमान की स्वयंभू मूर्ति वहां प्रकट हुई। कालांतर में इसी मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया गया।

मंदिर में 108 फीट ऊंचे हनुमान की प्रतिमा 


जाखू मंदिर की मुख्य विशेषता भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति है। ख़ास बात ये है कि यह मूर्ति शिमला के किसी भी कोने से दिखाई पड़ती है। वहीं, मंदिर परिसर में रामायण काल की घटनाओं को दर्शाती पेंटिंग और संगमरमर पर भगवान के पद चिह्न भी देखे जा सकते हैं। जान लें कि जाखू मंदिर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के कारण शिमला आने वाले हर पर्यटक की पसंदीदा जगहों में से एक है।

जाखू मंदिर के आस-पास के आकर्षण


  • जाखू हिल:- देवदार के पेड़ों और शांत वातावरण से घिरा यह स्थान ट्रेकिंग और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है।
  • लक्कड़ बाजार:- हस्तनिर्मित वस्तुएं और हिमाचली ऊनी कपड़े खरीदने के लिए आदर्श स्थान।
  • द रिज:- शहर का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल, जहां से आप बर्फीले पहाड़ों का नज़ारा और स्थानीय व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं।
  • क्राइस्ट चर्च:- शांत और ऐतिहासिक स्थान, जो शिमला की औपनिवेशिक विरासत को दर्शाता है।
  • काली बाड़ी मंदिर:- देवी काली को समर्पित यह मंदिर प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है।

कैसे पहुंच सकते हैं मंदिर? 


मंदिर प्रतिदिन सुबह 7 बजे से रात्रि 8 बजे तक खुला रहता है। यहां प्रवेश बिल्कुल निशुल्क है। जाखू मंदिर तक पहुंचने के लिए आप 2 किमी का ट्रैक भी कर सकते हैं अथवा रोपवे के सहारे यहां आ सकते हैं। रोपवे से आप 5 मिनट में रिज से मंदिर तक पहुंच जाएंगे। इसकी कीमत वयस्कों के लिए 500 और बच्चों के लिए लगभग 400 रुपए के आसपास है। बता दें कि शिमला बस स्टैंड से इस मंदिर की दूरी 3.4 किमी है। जबकि, शिमला रेलवे स्टेशन से इस मंदिर की दूरी 3.2 किमी के आसपास है। 

मंदिर में दर्शन के दौरान इन बातों का रखें ख्याल 


मंदिर में दर्शन के दौरान जूते-चप्पल बाहर ही छोड़ दें। इसके अलावा बंदरों से बचने के लिए भी सावधानी बरतें और चाहें तो एक छड़ी रेंट पर ले लें। वहीं, प्रकृति प्रेमियों के लिए यहां सूर्योदय और सूर्यास्त के अद्भुत दृश्य भी दिखाई देता हैं। इसलिए, अगर संभव हो तो सूर्योदय या सूर्यास्त के समय यहां मौजूद रहें। 

डिसक्लेमर

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