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हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र के बाद दूसरा महीना वैशाख होता है। आपको बता दें कि वैशाख महीना धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टिकोण से बहुत ही पवित्र माना गया है। ऐसी मान्यता है कि अगर श्रद्धालु वैशाख महीने में स्नान, दान, जप और उपवास करते हैं तो उनकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं। आइए, इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि वैशाख महीने में कौन-कौन से व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे।
ज्ञात हो कि वैशाख मास चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन से ही शुरू हो जाता है। वैशाख महीना पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है। पंडितों के अनुसार, चैत्र महीने अंतिम पूर्णिमा 13 अप्रैल यानी रविवार को है, इसलिए वैशाख महीने की शुरुआत 14 अप्रैल यानी सोमवार से हो रही है। अगर वैशाख महीने की समाप्ति की बात करें तो यह महीना 13 मई, 2025 यानी मंगलवार को समाप्त होगी।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख महीने में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इस महीने के शुक्ल पक्ष में अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु ने नर-नारायण, परशुराम, नृसिंह और ह्ययग्रीव सहित कई अवतार लिए थे। साथ ही अगर पुराणों को देखें तो उसके अनुसार वैशाख महीने से ही त्रेतायुग की भी शुरुआत हुई थी।
अब आपको बताते हैं कि वैशाख महीने के प्रमुख व्रत-त्योहारों के बारे में। इस महीने भी कई प्रमुख त्योहार मनाये जाते हैं। पंडितों के अनुसार 14 अप्रैल, 2025 यानी सोमवार को मेष संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा। इसके बाद 16 अप्रैल, 2025 यानी बुधवार को संकष्टी चतुर्थी, 24 अप्रैल, 2025 यानी गुरुवार को वरुथिनी एकादशी, 25 अप्रैल, 2025 यानी शुक्रवार को प्रदोष व्रत (कृष्ण), 26 अप्रैल, 2025 यानी शनिवार को मासिक शिवरात्रि, 27 अप्रैल, 2025 यानी रविवार को वैशाख अमावस्या और 30 अप्रैल, 2025 यानी बुधवार को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी।
वैशाख महीने के अन्य प्रमुख त्योहारों की लिस्ट
इसके अलावा 1 मई, 2025 यानी गुरुवार को विनायक चतुर्थी, 3 मई, 2025 यानी शनिवार को गंगा सप्तमी, 5 मई, 2025 को सीता नवमी, 11 मई, 2025 को नृसिंह जयंती का त्योहार है। बहरहाल, सनातन धर्म में इस महीने का भी बहुत ही अधिक महत्व है। इस महीने में आप पूजा-अर्चना और दान-पुण्य भी कर सकते हैं।
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