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हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख वर्ष का दूसरा महीना है, जो चैत्र मास के बाद आता है। आपको बता दें कि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के बाद वैशाख मास की शुरुआत होती है। धार्मिक दृष्टिकोण से वैशाख मास को अत्यधिक महत्वपूर्ण और सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि इस वर्ष वैशाख का महीना कब से शुरू हो रहा है। साथ ही इस महीने से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी भी आपको बताएंगे।
बता दें कि इस महीने को भगवान विष्णु के साथ जोड़ा जाता है और इसे माधव मास भी कहा जाता है। ग्रंथों में वैशाख माह को एक अत्यंत पवित्र समय माना जाता है, जो विभिन्न देव अवतारों और धार्मिक परंपराओं से जुड़ा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के कई अवतार, जैसे नर-नारायण, परशुराम, नृसिंह और हयग्रीव, पृथ्वी पर प्रकट हुए थे। इसके साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि शुक्ल पक्ष की नवमी को देवी सीता का धरती पर आगमन भी हुआ था।
आध्यात्मिक गुरुओं की मानें तो सनातन धर्म में वैशाख मास को सर्वोत्तम महीना माना गया है। अगर हम श्रीमद्भागवतगीता को देखें तो उसमें भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि उन्हें वैशाख और मार्गशीर्ष का महीना सबसे प्रिय है। वहीं यह भी कहा जाता है कि त्रेतायुग की शुरुआत भी वैशाख माह से ही हुई थी।
इन महोत्सवों का होता है आयोजन
आपको बता दें कि इस माह की पवित्रता और दिव्यता के कारण ही वैशाख मास की तिथियाँ देव मंदिरों के पट खोलने और विभिन्न महोत्सवों के आयोजन से भी जुड़ी हुई हैं। ज्ञात हो कि श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट वैशाख माह की अक्षय तृतीया को खोले जाते हैं। साथ ही वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पुरी में निकलती है।
वैशाख महीने में इसका है विशेष महत्व
इन सबके अलावा स्कंद पुराण के अनुसार वैशाख महीने में ठंडी वस्तुओं का दान करने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि अगर आपके पास नकारात्मकता है तो आपको वैशाख महीने में ठंडा पानी, मीठा शरबत, घड़ा आदि दान करना चाहिए, इससे श्रद्धालुओं को नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है।
अब आपको बताते हैं कि इस वर्ष वैशाख का महीना कब से शुरू हो रहा है और इसकी समाप्ति कब है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास का कृष्ण पक्ष 14 अप्रैल 2025 को शुरू होगा और 13 अप्रैल 2025 को समाप्त होगा।
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