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पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी और चंद्रमा की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन को मन, शरीर और आत्मा के संतुलन बनाने के लिए उचित माना जाता है।
पूर्णिमा तिथि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है, जो हर महीने शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन में पड़ती है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक दूसरे के सामने होते हैं और चंद्रमा का प्रकाश दिव्य दिखाई देता है। पूर्णिमा तिथि का धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व बहुत अधिक है। पूर्णिमा तिथि के दिन गंगा स्नान और दान करने के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है।
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी और चंद्रमा की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन को मन, शरीर और आत्मा के संतुलन बनाने के लिए उचित माना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, एक साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं, लेकिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जब अधिकमास होता है तो उस साल 1 साल में 13 पूर्णिमा तिथियां होती हैं। ऐसे में आइये जानते हैं साल 2025 में पहली, आखिरी और सभी माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि कब है? साथ ही जानेंगे पूर्णिमा तिथि के धार्मिक महत्व के बारे में।
पूर्णिमा तिथि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है, जो माता लक्ष्मी के प्राकट्य के साथ जुड़ा हुआ है। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ और सत्यनारायण कथा सुनने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है और धन संपत्ति में अच्छी वृद्धि होती है। पूर्णिमा का दिन प्रकृति की शक्ति का प्रतीक भी बनता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव से समुद्र में ऊंचे ऊंचे ज्वार आते हैं। इसके अलावा यह दिन सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक शांति प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। पूर्णिमा तिथि के दिन किए गए अच्छे कार्यों को फल कई गुना बढ़कर मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ और दान करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
नए साल 2025 की पहली पूर्णिमा पौष पूर्णिमा है, जो 13 जनवरी सोमवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा की तिथि का प्रारंभ 13 जनवरी को प्रात: 05:03 बजे से होगा और यह तिथि 14 जनवरी को तड़के 03:56 बजे तक रहेगी। पौष पूर्णिमा का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। इस दिन स्नान, दान और व्रत एक ही दिन होते हैं। माना जाता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों का फल कई गुना बढ़कर मिलता है। पौष पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही, इस दिन दान और पुण्य कार्यों का भी विशेष महत्व होता है।
जनवरी 2025 पूर्णिमा
पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 13 जनवरी दिन सोमवार
फरवरी 2025 पूर्णिमा
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 12 फरवरी दिन बुधवार
मार्च 2025 पूर्णिमा
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 14 मार्च दिन शुक्रवार
अप्रैल 2025 पूर्णिमा
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 12 अप्रैल दिन शनिवार
मई 2025 पूर्णिमा
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 12 मई दिन सोमवार
जून 2025 पूर्णिमा
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 11 जून दिन बुधवार
जुलाई 2025 पूर्णिमा
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 10 जुलाई दिन गुरुवार
अगस्त 2025 पूर्णिमा
सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 9 अगस्त दिन शनिवार
सितंबर 2025 पूर्णिमा
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 7 सितंबर दिन रविवार
अक्टूबर 2025 पूर्णिमा
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 7 अक्टूबर दिन मंगलवार
नवंबर 2025 पूर्णिमा
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 5 नवंबर दिन बुधवार
दिसंबर 2025 पूर्णिमा
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि - 5 दिसंबर दिन गुरुवार
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