नवीनतम लेख
पीपल का वृक्ष कितना पावन पवित्र और महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गीता में श्री कृष्ण ने स्वयं की तुलना वृक्षों में पीपल के साथ वृक्ष से की है। यह हिंदू धर्म के सबसे पवित्र और पूजनीय वृक्षों में से एक है। लेकिन फिर भी घर में इसके उगने को लेकर वास्तु शास्त्र की मान्यता जरा अलग है। इसके हिसाब से घर में पीपल उगना अशुभ माना जाता है। ऐसे में असमंजस बना रहता है कि इन दो अलग-अलग अवधारणाओं के बीच करें तो क्या करें? तो चलिए भक्त वत्सल पर जानते हैं आखिर इस परिस्थिति में सर्वथा उचित क्या है?
पीपल के पेड़ का सनातन धर्म में क्या महत्व है शायद यह बताने की आवश्यकता नहीं है। यह पवित्र पेड़ हमारी धार्मिक मान्यताओं का अहम हिस्सा है और विज्ञान और आयुर्वेद की दृष्टि से भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार के दिन इसके वृक्ष के नीचे शनि देव को दीपदान करते हैं, पूर्वजों को भी इस वृक्ष के नीचे जल अर्पित करने का विधान है। इसके अलावा भी कई मौकों पर पीपल के वृक्ष की पूजा शास्त्रों में शुभकारी मानी गई है। लेकिन जब घर में पीपल के पेड़ का होने की बात आती है तो मान्यताएं जरा बदल जाती है। पीपल का पेड़ अचानक से घर में कहीं निकलने लगे तो इसे अशुभ, पूर्वजों की अप्रसन्नता, पितृ दोष और कर्ज से जोड़कर देखा जाता है।
दरअसल शनिवार और गुरुवार का दिन छोड़ कर आप पीपल के वृक्ष की पूजा कर के और क्षमायाचना करते हुए उसे जड़ समेत निकालकर किसी अन्य स्थान पर स्थापित कर सकते हैं। ऐसा करने से न तो आपको पाप लगेगा न ही पीपल के पवित्र पेड़ का अपमान होगा।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।