महाकुंभ में बिछड़ों को कैसे ढूंढे

MahaKumbh 2025: बिछड़े परिचित को ढूंढने के लिए अपनाएं ये स्मार्ट उपाय, एआई तकनीक से होगा मिलन


महाकुंभ, दुनिया के सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान है। हर 12 साल में इसका आयोजन किया जाता है। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु एक जगह इकट्ठा होते हैं। प्रयागराज के कुंभ में भी बड़ी संख्या में लोग आने वाले हैं। लेकिन कई बार  बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ने के कारण लोग भटक जाते हैं या अपने परिचित से बिछड़ जाते हैं। अगर आप भी इस बार कुंभ जा रहे हो और आपके साथ भी ऐसा हो तो घबराएं नहीं, हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ महत्वपूर्ण उपाय, जो आपको इस स्थिति में मदद करेंगे।


AI तकनीक का हो रहा है इस्तेमाल

 
प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ मेला 2025 दुनिया का सबसे विशाल धार्मिक आयोजन होगा, जहां लाखों श्रद्धालु स्नान करने और पुण्य लाभ लेने के लिए जुटेंगे। इस मेले में बिछड़े हुए परिजनों की खोज में एआई तकनीक का अद्भुत उपयोग किया जाएगा। यहां स्थापित स्मार्ट कैमरे और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक और एक्स, आपके खोए हुए परिजनों को ढूंढने में मदद करेंगे।

AI कैमरे रहेंगे सक्रिय


महाकुंभ मेले में 45 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, एआई तकनीक से लैस कैमरे पूरी रात सक्रिय रहेंगे। ये कैमरे न सिर्फ आपकी सुरक्षा करेंगे, बल्कि खोए हुए परिजनों को ढूंढने में भी मददगार साबित होंगे।

डिजिटल रजिस्ट्रेशन करवाना न भूले 


अगर महाकुंभ मेले के दौरान आपका कोई प्रिय व्यक्ति खो जाए, तो सबसे पहले आपको डिजिटल रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस प्रक्रिया में हर व्यक्ति को एक अद्वितीय आईडी कार्ड दिया जाएगा, जो उनकी पूरी जानकारी और ट्रैकिंग सिस्टम से जुड़ा होगा। इससे खोए हुए व्यक्ति की पहचान तुरंत हो सकेगी।

खोया-पाया केंद्र


इसके साथ ही सरकार ने एक डिजिटल खोया-पाया केंद्र की स्थापना की है, जहां आप खोए हुए व्यक्ति की तलाश में त्वरित सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य जल्द से जल्द परिवारों को एक-दूसरे से मिलाना है।

महाकुंभ मेला कब से कब तक?


महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक होगा। यह एक अद्वितीय धार्मिक अनुभव है, जहां स्नान करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर

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