कल्कि अवतार कब होगा

कब होगा भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि का जन्म? 


हिंदू धर्मग्रंथों में भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक के रूप में वर्णित किया गया है। इन दस अवतारों में से अंतिम अवतार कल्कि का है। मान्यता है कि कलियुग के अंत में जब धरती पर अधर्म और पाप चरम सीमा पर होंगे, तब भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतरित होंगे। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि भगवान विष्णु का ये अवतार कब और कहां जन्म लेगा। 

भविष्य पुराण में कल्कि अवतार का जिक्र


विष्णु जी के दसवें अवतार, कल्कि भगवान के आगमन का वर्णन हिंदू धर्म के अनेक ग्रंथों में विस्तार से मिलता है। भविष्य पुराण में उल्लेख है कि कलयुग के अंत में, जब अधर्म चरम सीमा पर होगा, तब कल्कि भगवान पृथ्वी पर अवतरित होंगे और पापियों का संहार कर धर्म की स्थापना करेंगे। श्रीमद्भागवत पुराण भी इसी तथ्य की पुष्टि करता है, जिसमें कल्कि जी को धर्म रक्षक के रूप में चित्रित किया गया है।

स्कंद पुराण में कल्कि अवतार को कलयुग और सतयुग के संधिकाल का प्रतीक बताया गया है। माना जाता है कि जब कलयुग का अंत निकट होगा, तब भगवान कल्कि मानव कल्याण के लिए अवतरित होंगे। पुराणों के अनुसार, कलयुग की कुल अवधि 432,000 वर्ष मानी जाती है और वर्तमान में हम कलयुग के प्रारंभिक चरण में हैं।

कब लेंगे कल्कि भगवान जन्म?


पुराणों के अनुसार, कल्कि भगवान उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक ब्राह्मण परिवार में जन्म लेंगे। इनका जन्म सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होगा। कल्कि भगवान के पास देवदत्त नाम का एक अश्व होगा, जिस पर सवार होकर वे अधर्मियों का नाश करेंगे। उनके हाथ में तीर-कमान और तलवार होगी। शास्त्रों के अनुसार, कल्कि भगवान 64 कलाओं में पारंगत होंगे।

भगवान राम की तरह कल्कि भगवान के भी चार भाई होंगे जिनके नाम सुमन्त, प्राज्ञ और कवि हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कल्कि अवतार में भगवान विष्णु वैष्णो देवी के साथ विवाह करेंगे। वैष्णो देवी युगों से भगवान श्रीराम से विवाह करने के लिए तपस्या कर रही हैं और कल्कि अवतार ही उनकी तपस्या को पूर्ण करेंगे।
भगवान विष्णु के कल्कि अवतार को मार्गदर्शन देने का कार्य भगवान परशुराम करेंगे। 

परशुराम जी अमर हैं और उन्होंने ही कल्कि भगवान को शिव जी की तपस्या करने के लिए प्रेरित किया। शिव जी को प्रसन्न करने के बाद कल्कि भगवान को दिव्य शक्तियां प्राप्त होंगी, जिनके बल पर वे अधर्म का नाश करके धर्म की पुनः स्थापना करेंगे। कल्कि भगवान को निष्कलंक भगवान के नाम से भी जाना जाता है।

कल्कि भगवान का स्वरूप कैसा होगा? 


अग्नि पुराण का यह वर्णन है कि कल्कि अवतार, विष्णु भगवान का दसवां और अंतिम अवतार, कलयुग के अंत में प्रकट होंगे। वे एक पराक्रमी योद्धा होंगे, जो तीर-कमान से लैस होंगे और एक सफेद घोड़े, देवदत्त पर सवार होंगे। कल्कि भगवान के आगमन के साथ ही सतयुग का पुनरागमन होगा। वे अपने दिव्य शस्त्रों से दुष्टों का संहार करेंगे और धरती को पाप से मुक्त करेंगे। कल्कि भगवान के आगमन की कथा हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है और यह भक्तों को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।

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