हाथ में कलावा क्यों बांधते हैं?

नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है कलावा, जानिए इस बांधने की सही विधि


कलावा, जिसे रक्षा सूत्र भी कहा जाता है, एक पवित्र धागा है जो विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है। इसे आमतौर पर सूती धागे से बनाया जाता है और इसे लाल, पीला या अन्य शुभ रंगों में रंगा जाता है। कलावा को देवी-देवताओं को अर्पित करने के साथ-साथ उनके आशीर्वाद के रूप से भी धारण किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि कलावा व्यक्ति को बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है। यह शुभता का प्रतीक है और माना जाता है कि यह व्यक्ति के सभी कार्यों में सफलता लाता है। अब ऐसे में हाथ में कलावा पहनने का महत्व और नियम के साथ-साथ विधि क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी से विस्तार से जानते हैं। 


किस विधि से पहने कलावा? 


  • सबसे पहले जिस हाथ में कलावा बांधना है, उस हाथ की मुट्ठी बंद कर लें। यदि संभव हो तो मुट्ठी में थोड़ा सा अक्षत रख लें।
  • दूसरे हाथ को सिर पर रख लें।
  • अब किसी पंडित से कलावा को तीन बार कलाई पर लपेटवा लें।
  • कलावा बंधवाने के बाद, जो व्यक्ति कलावा बांधता है, उसे दक्षिणा दें।
  • पुरुषों और अविवाहित महिलाओं को कलावा दाएं हाथ में और विवाहित महिलाओं को बाएं हाथ में बांधना चाहिए।


कलावा पहनने के दौरान किन मंत्रों का जाप करें? 


अगर आप कलावा पहने रहें हैं, तो मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। 

  • येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वां मनुबध्नामि, रक्षंमाचल माचल: 
  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्युमृत्युनामृतात्।
  • स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः, स्वस्ति न पूषा विश्ववेदाः, स्वस्ति न ब्रह्मा, स्वस्ति न विष्णुः, स्वस्ति न देवाः सवितः। 


कलावा पहनने के नियम क्या हैं? 


  • कलावा को हमेशा शुभ मुहूर्त में ही बांधना चाहिए।
  • कलावा को किसी भी धातु के स्पर्श में नहीं आने देना चाहिए।
  • कलावा टूट जाए तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए।
  • कलावा को बदलने के लिए मंगलवार या शनिवार का दिन शुभ माना जाता है।
  • शास्त्रों के अनुसार, पुराने कलावे को किसी पवित्र नदी, तालाब या कुएं में बहा देना सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से कलावा में समाहित सकारात्मक ऊर्जा जल में विलीन हो जाती है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त हो जाता है।



कलावा पहनने का महत्व क्या है? 


लाल रंग का कलावा, जो आमतौर पर हाथ में बांधा जाता है, देवी दुर्गा और हनुमान जी की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि यह व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और शुभ फल लाता है।

हाथ में बंधा लाल कलावा, देवी दुर्गा और हनुमान जी की कृपा का प्रतीक है। यह न केवल व्यक्ति को शक्ति प्रदान करता है बल्कि उसके जीवन में सुख और समृद्धि लाता है। लाल रंग का कलावा, जो देवी दुर्गा और हनुमान जी से जुड़ा है, एक पवित्र धागा है। 


डिसक्लेमर

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