यहां खप्पर निकलते देखकर डर से कांपने लगते हैं लोग, जानिए कबीरधाम की विचित्र परंपरा

छत्तीसगढ़ का कबीरधाम जिला जो पहले कवर्धा जिला कहलाता था। यहां नवरात्रि में एक विशेष धार्मिक परंपरा है। दरअसल दुर्गा अष्टमी की रात को यहां तीन प्रमुख देवी मंदिरों से खप्पर निकाले जाते हैं। जिन्हें पूरे नगर में घुमाया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान 108 नींबू काटकर धार्मिक रस्में पूरी की जाती हैं और खप्पर को देवी-देवताओं की शक्ति से प्रज्ज्वलित किया जाता है। मान्यता है कि इस अनुष्ठान से नगर को आपदाओं से मुक्ति मिलती है। बता दें कि यह परंपरा विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के कवर्धा में ही देखी जाती है। 



जानिए क्यों निकाला जाता है खप्पर? 


कबीरधाम में नवरात्रि के दौरान अनोखी परंपरा निभाई जाती है। यहां के 03 देवी मंदिरों से दुर्गा अष्टमी की आधी रात के समय खप्पर निकाला जाता है। बता दें कि नगर के मां दंतेश्वरी मंदिर, मां चंडी मंदिर और मां परमेश्वरी मंदिर से मध्यरात्रि के समय ही खप्पर निकलता है। रात के 12 बजकर 15 मिनट पर मां दंतेश्वरी मंदिर से पहला खप्पर अगुवान की सुरक्षा में निकलता है। इसके ठीक 10 मिनट बाद ही मां चंडी देवी मंदिर से और फिर 10 मिनट के अंतराल में मां परमेश्वरी देवी मंदिर से खप्पर निकाले जाते हैं। जो नगर भ्रमण करते हैं। ये खप्पर विभिन्न मार्गों से होते हुए मोहल्लों में स्थापित 18 मंदिरों के देवी-देवताओं के सामने से निकलतें हैं। इस दौरान पूरी भीड़ माता के भक्तिभाव के रस में डूबी रहती है।  



किस तरह होती है पूजा? 



अष्टमी की रात्रि 10.30 बजे माता की सेवा में लगे हुए पंडित परंपरानुसार सात काल, 182 देवी-देवता और 151 वीर बैतालों को मंत्रोच्चारणों से आमंत्रित करते हैं और अग्नि से प्रज्ज्वलित मिट्टी के पात्र (खप्पर) में उन्हें सम्मान पूर्वक विराजमान करवाते हैं। इसके बाद 108 नींबू काटकर रस्में पूर्ण की जाती हैं। मान्यता है कि यहां मध्य रात्रि 12 बजे के बाद लोगों को दैविक शक्ति की अनुभूति होती है। तब आदिशक्ति देवी मूर्ति का पंडों द्वारा श्रृंगार करवाया जाता है। इसके बाद ही विशाल खप्पर मंदिर से निकलता है।



क्यों निकाले जाते हैं खप्पर? 



बता दें कि खप्पर निकालने के पीछे एक अनूठी मान्यता है कि इससे सभी तरह के आपदाओं से स्थानीय लोगों को मुक्ति मिल जाती है। नगर में विराजमान देवी-देवताओं का रीति रिवाज के साथ मान मनौव्वल कर सर्वे भवन्तु सुखिन: की भावना से यहां पूजा अर्चना की जाती है। पूरे भारतवर्ष में संभवत केवल कबीरधाम जिले के कवर्धा शहर में ही नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी पर देवी मंदिरों से खप्पर निकालने की परंपरा आज भी कायम है। जान लें कि कवर्धा भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के कबीरधाम जिले में स्थित एक नगर है और जिले का मुख्यालय भी है। 


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