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भारत का हिमाचल प्रदेश राज्य बर्फीली वादियों और पहाड़ो के साथ-साथ अपने अद्वितीय धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां स्थित देवी-देवताओं के प्राचीन मंदिर ना केवल आस्था के प्रतीक हैं बल्कि इनके साथ जुड़ी रहस्यमयी कहानियाँ भी लोगों को काफी आकर्षित करती हैं। यहां कई ऐसे मंदिर हैं जिनकी उत्पत्ति और निर्माण के पीछे अद्भुत धार्मिक किंवदंतियाँ छिपी हैं। तो चलिए इस बार हम आपको हिमाचल प्रदेश के कुछ रहस्यमयी मंदिरों के बारे में बताते हैं। इनमें देवी हिडम्बा, नैना देवी, कमरुनाग मंदिर और मसरूर रॉक कट मंदिर जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं।
हिडम्बा देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है। माना जाता है कि इस प्राचीन मंदिर का संबंध महाभारत काल से है। यहां भीम की पत्नी हिडम्बा देवी की पूजा की जाती है। महाभारत के अनुसार पांडवों ने अपने वनवास के दौरान यहाँ कुछ समय बिताया था। तब भीम ने राक्षसी हिडिम्बा से विवाह किया था। वहीं इस मंदिर की स्थापना राजा बानसी सिंह द्वारा की गई थी। मंदिर में देवी की मूर्ति स्थापित है जिसकी आराधना नाट्य संगीत के साथ होती है। यह मंदिर देवदार के घने जंगलों से घिरा हुआ है जो इसे प्राकृतिक रूप से अद्भुत बनाता है। यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। मंदिर की वास्तुकला पहाड़ी शैली पर आधारित है जो इसे और भी अद्वितीय बनाती है।
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित नैना देवी मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ देवी की आंखों से एक प्राकृतिक झरना निकलता है। नैना देवी को समर्पित यह मंदिर घने जंगलों के बीच है और इसकी पहाड़ी लोकेशन इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाती है। यह मंदिर उत्तराखंड के नैना देवी मंदिर से भी काफी मिलता जुलता है जो नैनीताल में स्थित है। नैना देवी मंदिर का धार्मिक महत्व विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान और अधिक बढ़ जाता है जब यहाँ भारी संख्या में भक्त माँ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। नैना देवी मंदिर माता का वह शक्तिपीठ है जहां माता सती के नेत्र गिरे थे।
हिमाचल प्रदेश की मंडी घाटी में स्थित कमरुनाग झील एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह झील समुद्र तल से लगभग 9000 फीट की ऊंचाई पर है और देवदार के जंगलों से घिरी है। यहाँ कमरुनाग का प्राचीन मंदिर है। ये मंदिर भी पहाड़ी शैली में ही बना हुआ है। मंदिर में एक पत्थर की प्रतिमा है और यहाँ जून के महीने में विशाल मेला भी लगता है। कमरुनाग झील और इसके आस-पास के प्राकृतिक दृश्य पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। झील तक पहुंचने का रास्ता भी सुंदर है जिसे देखकर भक्त और पर्यटक अपनी सारी थकान तक भूल जाते हैं।
मसरूर रॉक कट मंदिर हिमाचल प्रदेश का एक अद्वितीय धार्मिक केंद्र है। इसे आठवीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 2535 फीट की ऊंचाई पर है। मसरूर मंदिर की विशेषता यह है कि इसे चट्टानों को काटकर बनाया गया है और इस निर्माण में किसी भी तरह की मशीन का इस्तेमाल नहीं किया गया था। यहाँ आने वाले पर्यटकों को टिकट लेना पड़ता है। एक टिकट की कीमत 20 रुपये है। यह मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का एक अद्भुत नमूना है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। मसरूर रॉक कट मंदिर हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित करता है।
शिमला में स्थित कालीबाड़ी मंदिर हिमाचल प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है और नवरात्रि के दौरान यहाँ भक्तों की भारी भीड़ रहती है। यहाँ माता के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं और मंदिर का वातावरण भजन-कीर्तन से भक्तिमय रहता है। बता दें कि यह मंदिर शिमला के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है और हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक इसे यहां आते हैं। इसके आसपास के हरे-भरे जंगल और इस स्थान को और भी खास बना देते हैं।
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