फरवरी 2025 में कर रहे हैं गृह प्रवेश का प्लान? यहां जानें शुभ मुहूर्त और नक्षत्र
सनातन धर्म में शुभ कार्यों की शुरुआत करने से पहले शुभ तिथि और मुहूर्त का महत्व बहुत अधिक है। यह मान्यता है कि शुभ तिथि और मुहूर्त में किया गया कार्य अवश्य सफल होता है। इसलिए अधिकतर लोग गृह प्रवेश के पहले शुभ तिथि और मुहूर्त का ख्याल जरूर रखते हैं। लेकिन फिलहाल खरमास का महीना चल रहा है जिसमें सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं। लेकिन जैसे ही खरमास खत्म होगा मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। तो अगर आप भी नए साल में गृह प्रवेश करना चाहते हैं तो इस लेख में हम आपको फरवरी 2025 में गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त के बारे में बताएंगे साथ ही इसका महत्व भी जानेंगे।
फरवरी 2025 गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार 6, 7, 8, 14, 15 और 17 फरवरी 2025 आदि तिथियां गृह प्रवेश करने के लिए शुभ होंगी। इसके अलावा और शुभ तिथियां, शुभ मुहूर्त और नक्षत्र नीचे दिए गए हैं-
- 6 फरवरी 2025, गुरुवार, गृह प्रवेश मुहूर्त: रात 10:53 बजे से 07 फरवरी 2025, सुबह: 07:06 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी
- 7 फरवरी 2025, शुक्रवार, गृह प्रवेश मुहूर्त: सुबह: 07:06 से 08 फरवरी 2025, सुबह: 07:05 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी, मृगशीर्ष
- 8 फरवरी 2025, शनिवार, गृह प्रवेश मुहूर्त: सुबह: 07:05 बजे से शाम 06:07 बजे तक, नक्षत्र: मृगशीर्ष
- 14 फरवरी 2025, शुक्रवार, गृह प्रवेश मुहूर्त: रात 11:09 बजे से 15 फरवरी 2025, सुबह: 06:59 बजे तक, नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी
- 15 फरवरी 2025, शनिवार, गृह प्रवेश मुहूर्त: सुबह: 06:59 बजे से रात 11:52 बजे तक, नक्षत्र: उत्तरा फाल्गुनी
- 17 फरवरी 2025, सोमवार, गृह प्रवेश मुहूर्त: सुबह: 06:58 से 18 फरवरी 2025, सुबह: 04:53 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा
गृह प्रवेश का महत्व
गृह प्रवेश एक शुभ अवसर है जो हमारे जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। यह एक ऐसा समय होता है जब हम अपने नए घर में प्रवेश करते हैं और एक नए जीवन की शुरुआत करते हैं। वास्तु शास्त्रों के अनुसार कोई भी नया या शुभ कार्य हमेशा एक विशेष शुभ समय में ही करना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होता है कि ग्रह परिवर्तन, नक्षत्र और अन्य कारकों के प्रभाव के कारण कार्य बिना किसी बाधा के पूरा हो जाएगा।
गृह प्रवेश पूजा परिवार के सदस्यों के लिए बहुत महत्व रखती है। ऐसा माना जाता है कि इस पूजा को करने से नए घर और पूरे परिवार में लंबे समय तक खुशी, सद्भाव और समृद्धि आती है। इसके अतिरिक्त यह अनुष्ठान सभी नकारात्मक और प्रतिकूल ऊर्जाओं को दूर करते हुए नए निवास में दिव्य और आध्यात्मिक आशीर्वाद को आमंत्रित करता है। वैदिक ज्योतिषी इस पूजा के लिए शुभ तिथियां और समय निर्धारित करने के लिए ज्योतिषीय चार्ट का उपयोग करते हैं। शुभ क्षण की गणना करते समय विभिन्न कारकों पर विचार किया जाता है जिसमें नक्षत्र सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।