नवीनतम लेख
गंगा और यमुना का संगम प्रयागराज इलाहाबाद होता है। हालांकि, बहुत कम लोग ही यह जानते होंगे कि इन नदियों की जलधारा उत्तरकाशी जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल गंगनानी में भी एक-दूसरे से मिलती हैं। यहां भागीरथी यानी गंगा एक प्राचीन कुंड से प्रकट होती है और फिर यमुना में समा जाती है। धर्म शास्त्रों में इस पवित्र स्थान का प्रयाग जैसा ही महत्व माना जाता है। तो आइए, इस आर्टिकल में गंगा और यमुना का नदी के इस संगम स्थल के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 95 किलोमीटर दूर बड़कोट के निकट यमुनोत्री राजमार्ग पर गंगनानी स्थित है। यहां, यमुना नदी के तट पर विद्यमान प्राचीन कुंड से भागीरथी की जलधारा निकलती है और यमुना व केदारगंगा नदी में मिलकर संगम का निर्माण करती है।
इस प्राचीन कुंड को लेकर मान्यता है कि गंगनानी के निकट स्थित थान गांव में भगवान परशुराम के पिता ऋषि जमदग्नि की तपस्थली थी। यहां पूजा-अर्चना के लिए ऋषि जमदग्नि रोज कई कोस दूर उत्तरकाशी से गंगाजल लेकर आया करते थे। ऋषि वृद्ध हुए तो यह कार्य उनकी पत्नी रेणुका करने लगी।
बड़कोट में रेणुका की बहन बेणुका का पति राजा सहस्रबाहु ऋषि जमदग्नि से ईर्ष्या रखता था। वह गंगाजल लेने जाते हुए रेणुका को परेशान करता था। इस पर ऋषि जमदग्नि ने अपने तपोबल से गंगा की एक जलधारा को यमुना के तट पर गंगनानी में ही प्रवाहित करवा दिया। मान्यता है कि तब से यहां स्थित प्राचीन कुंड से गंगा की जलधारा अविरल प्रवाहित हो रही है। बता दें कि ऋषि जमदग्नि की तपस्थली थान गांव में आज भी उनका मंदिर और सदियों पुराना कल्प वृक्ष मौजूद है।
गंगनानी में स्थित प्राचीन कुंड से निकलने वाले जल की प्रकृति पूरी तरह भागीरथी जैसी ही है। गंगा घाटी में जैसे ही गंगा के जल का जल स्तर घटता है। यमुनाघाटी स्थित इस कुंड में भी जल का प्रवाह कम हो जाता है। बरसात के दौरान जब भागीरथी का जल मटमैला रहता है तब इस कुंड से निकलने वाली जलधारा भी मटमैली रंग की हो जाती है। बता दें कि, गंगनानी में वर्षों से कुंड का भव्य मेला भी लगता है। प्रत्येक साल वसंत पंचमी पर लगने वाले इस मेले को गंगनानी वसंतोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।