Chaitra Navratri 2025: दुर्गा सप्तशती पाठ से पाएं देवी दुर्गा की विशेष कृपा, राशि के अनुसार ऐसे
चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। इस दौरान मां दुर्गा की आराधना से भक्तों को मानसिक शांति, भौतिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। दुर्गा सप्तशती का पाठ विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है, लेकिन हर राशि के लिए अलग-अलग अध्यायों का पाठ करने का महत्व बताया गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि राशि अनुसार दुर्गा सप्तशती का कौन-सा पाठ करना चाहिए और इसके क्या लाभ हैं।
नवरात्रि और दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व
नवरात्रि देवी दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का पर्व है। इस दौरान मां शक्ति को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजन, व्रत और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। दुर्गा सप्तशती 700 श्लोकों का ग्रंथ है, जिसमें मां महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की स्तुति की गई है। इस ग्रंथ का पाठ करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। लेकिन प्रत्येक राशि के लिए अलग-अलग अध्यायों का पाठ करना अधिक लाभकारी होता है।
राशि अनुसार दुर्गा सप्तशती पाठ
1. मेष राशि (Aries)
- मंगल प्रधान मेष राशि के जातकों को प्रथम अध्याय का पाठ करना चाहिए। इससे मानसिक शांति मिलेगी और जीवन में स्थिरता आएगी।
2. वृषभ राशि (Taurus)
- शुक्र प्रधान वृषभ राशि के जातकों को द्वितीय अध्याय का पाठ करना चाहिए, जिससे भावनात्मक संतुलन बना रहेगा और नकारात्मकता दूर होगी।
3. मिथुन राशि (Gemini)
- बुध प्रधान मिथुन राशि के जातकों को सप्तम अध्याय का पाठ करना चाहिए, जिससे संचार कौशल और निर्णय क्षमता में सुधार होगा।
4. कर्क राशि (Cancer)
- चंद्रमा प्रधान कर्क राशि के जातकों को पांचवें अध्याय का पाठ करना चाहिए, जिससे मानसिक शांति और आत्मबल बढ़ेगा।
5. सिंह राशि (Leo)
- सूर्य प्रधान सिंह राशि के जातकों को तीसरे अध्याय का पाठ करना चाहिए, जिससे आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
6. कन्या राशि (Virgo)
- बुध प्रधान कन्या राशि के जातकों को दसवें अध्याय का पाठ करना चाहिए, जिससे सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी।
7. तुला राशि (Libra)
- शुक्र प्रधान तुला राशि के जातकों को छठे अध्याय का पाठ करना चाहिए, जिससे आत्मिक संतुलन मिलेगा।
8.वृश्चिक राशि (Scorpio)
- मंगल प्रधान वृश्चिक राशि के जातकों को आठवें अध्याय का पाठ करना चाहिए, जिससे उनका मन शांत होगा और वे सही दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।
9. धनु राशि (Sagittarius)
- गुरु प्रधान धनु राशि के जातकों को ग्यारहवें अध्याय का पाठ करना चाहिए, जिससे उनकी परेशानियां दूर होंगी और वे आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनेंगे।
10. मकर राशि (Capricorn)
- शनि प्रधान मकर राशि के जातकों को आठवें अध्याय का पाठ करना चाहिए, जिससे उन्हें अपने विरोधियों पर विजय प्राप्त होगी।
11. कुंभ राशि (Aquarius)
- शनि प्रधान कुंभ राशि के जातकों को चौथे अध्याय का पाठ करना चाहिए, जिससे जीवन में स्थिरता और सफलता मिलेगी।
12. मीन राशि (Pisces)
- गुरु प्रधान मीन राशि के जातकों को नवम अध्याय का पाठ करना चाहिए, जिससे उनकी इच्छाएं पूर्ण होंगी और वे मानसिक शांति प्राप्त करेंगे।
कैसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ?
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, जिससे शरीर और मन शुद्ध हो सके।
- पाठ के दौरान पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है।
- एक लाल कपड़ा बिछाकर उस पर दुर्गा सप्तशती की पुस्तक रखें, क्योंकि लाल रंग मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है।
- पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह ज्ञान और ऊर्जा का स्रोत है।
- पाठ प्रारंभ करने से पहले ‘शापोद्धार’ विधि का पालन करें, जिससे किसी भी तरह के दोष समाप्त हो जाते हैं।