दीपोत्सव 2024 के शुभ मुहूर्त

दीवाली 2024: दिवाली कब मनाएं, जानिए धनतेरस से भाई दूज तक सभी त्योहारों की सही तारीख और मुहूर्त


दिवाली का त्योहार भारतीय संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। पाचं दिन चलने वाले इस त्योहार में प्रत्येक दिन का अपना विशेष महत्व है। इन दिनों में विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। लोग घर में भगवान की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद और घर की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इस पर्व की शुरूआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज के दिन होता है। लेकिन इस साल दिवाली की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में आईये जानते हैं किस तारीख को कौन सा त्योहार मनाया जाना चाहिए, इन दिनों में पूजा के शुभ मुहूर्त क्या हैं और इनमें किन देवी-देवताओं की पूजा की जाती है…

 

भक्तवत्सल दीवाली के तिथि को लेकर एक लेख पहले पब्लिश कर चुका है जिसमें दीवाली मनाने को लेकर भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों की तारीख दी हुईं हैं, आप यहां क्लिक कर उसे भी जरूर पढ़ें।


1. धनतेरस

हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल धनतेरस की त्रयोदशी तिथि 29 अक्तूबर 2024, दिन मंगलवार को सुबह 10.31 बजे से शुरू होगी और 30 अक्तूबर 2024 (बुधवार) को दोपहर 1.15 बजे तक रहेगी। इस साल धनतेरस 29 अक्तूबर को मनायी जाएगी। 


पूजा शुभ मुहूर्त

धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6.31 बजे से रात 8.13 बजे तक है। यानी इस शुभ मुहूर्त के दौरान ही आप धनतेरस की पूजा और सोने-चांदी के सामान, स्टील-पीतल के बर्तन, झाड़ू आदि खरीद सकते हैं। 


किसकी पूजा की जाती है?

धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, कुबरे देवता और धन्वंतरी देव की पूजा करने का विधान माना गया है। 


2. छोटी दीवाली या नरक चतुर्दशी


कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस के अगले दिन यानी चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीवाली मनायी जाती है। इस साल नरक चतुर्दशी 30 अक्तूबर को मनायी जाएगी। इस साल नरक चतुर्दशी की तिथि 30 अक्टूबर को दोपहर 1.15 बजे से 31 अक्टूबर को दोपहर 3.52 बजे तक रहेगी। हालांकि कुछ लोग उदया तिथि में होने की वजह से 31 अक्तूबर को भी नरक चतुर्दशी मनाएंगे।


पूजा शुभ मुहूर्त


30 अक्टूबर को पूजा का शुभ मुहूर्तः प्रातः 05:26 से 06:47 तक रहेगा और इसके बाद शाम 05:41 से 07 बजे तक रहेगा। 31 अक्टूबर अभ्यंग स्नान का मुहूर्तः प्रातः 05:33 से 06:47 बजे के मध्य 31 अक्टूबर को चन्द्रोदय का समय प्रातः 05:33 बजे।


किसकी पूजा की जाती है? 

छोटी दिवाली के दिन भगवान कृष्ण की पूजा का विधान है। साथ ही इसे काली चौदस कहते हैं इसलिए मां काली की भी पूजा की जाती है। 


3. दिवाली 


पंचांग के अनुसार 31 अक्तूबर 2024 की दोपहर को 3.52 बजे से कार्तिक अमावस्या शुरू हो रही है। जो अगले दिन 1 नवंबर तक रहेगी। लेकिन इस बार दिवाली को लेकर असमंजस की स्थिति है इसलिए दो दिन दिवाली मनाई जा रही है। इसलिए दोनों दिन के शुभ मुहूर्त हम आपको बता रहे हैं। 


पूजा शुभ मुहूर्त

31 अक्तूबर को शाम 6 बजकर 27 मिनट से रात लेकर 8 बजकर 32 बजे तक लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। 

वहीं 1 नवंबर को शाम 5:35 बजे से 6:16 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा। 


किसकी पूजा की जाती है?

 

दिवाली के दिन माता लक्ष्मी, कुबेर देवता, भगवान गणेश और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। 

 

4. गोवर्धन पूजा 


भगवान इंद्र के प्रकोप से गोकुल वासियों की रक्षा करने के लिए श्रीकृष्ण ने अपने हाथ की छोटी ऊंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था। इस तरह से उन्होंने लगभग 7 दिनों तक पूरे पर्वत को अपनी ऊंगली पर उठा रखा था। तब से ही दीवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा करने का प्रचलन शुरू हो गया है। इस दिन अन्नकूट का भोग लगाया जाता है और श्रीकृष्ण के साथ-साथ गोवर्धन पर्वत की भी पूजा की जाती है। चूंकि 1 नवंबर को उदया तिथि में अमावस्या है, इसलिए गोवर्धन पूजा दीवाली के 1 दिन बाद यानी 2 नवंबर को मनायी जाएगी। 


पूजा शुभ मुहूर्त


गोवर्धन पूजा के लिए 2 नवंबर को की जाएगी। इसके लिए शुभ मुहूर्त प्रात:कल 6:33 से 8:45 बजे तक है। इसके अलावा शाम में पूजा का शुभ मुहूर्त 3:22 से 5:34 बजे तक है। 


किसकी पूजा की जाती है? 


गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है और उसकी पूजा की जाती है साथ ही भगवान कृष्ण की भी पूजा की जाती है। 


5. भाई दूज या यम द्वितीया 


भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और बदले में भाई उन्हें उपहार देते हैं। इस त्योहार को देशभर में भाई फोटा, भाऊ बीज, भाई बिज, भाऊ बीज, भ्रातृ द्वितीय, यम द्वितीया, भतृ दित्य, भाई तिहार और भाई टिक्का के नाम से भी जाना जाता है। हर साल यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाई दूज की तिथि का आरंभ 2 नवंबर शाम 8 बजकर 21 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 3 नवंबर रात 10 बजकर 5 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, भाई दूज का पर्व रविवार 3 नवंबर को मनाया जाएगा। 


पूजा शुभ मुहूर्त


भाई दूज के दिन भाई को टीका लगाने का शुभ समय 3 नंवबर को दोपहर 1:10 से 3: 21 बजे तक रहेगा।


डिसक्लेमर

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