धनतेरस पर 100 साल बाद आया है इतना अद्भुत योग

इस बार दिवाली होगी एकदम खास, धनतेरस पर 100 साल बाद बन रहा त्रिग्रही और त्रिपुष्कर योग, इन राशियों के जातकों पर होगा प्रभाव


इस बार 29 अक्तूबर 2024 को धनतेरस का पर्व विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा। क्योंकि, इस दिन 100 साल बाद पांच शुभ संयोग एक साथ बनने जा रहे हैं। इनमें त्रिग्रही योग, त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, लक्ष्मी-नारायण योग और शश महापुरुष राजयोग जैसे दुर्लभ योग शामिल हैं। इन संयोगों के प्रभाव से कई राशियों के जीवन में आर्थिक उन्नति होगी, जिससे समृद्धि और खुशियों का आगमन संभव है। धनतेरस का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी, कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने का विशेष महत्व है। 


धनतेरस में बन रहे दुर्लभ संयोग 


धनतेरस के दिन इस बार कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। जो इस दिन को अत्यंत शुभ बना रहा है। पूजा, निवेश और खरीदारी के लिहाज़ से यह अवसर विशेष लाभकारी सिद्ध हो सकता है। तो आइए जानते हैं इन योगों का महत्व और उनका प्रभाव।


  1. त्रिग्रही योग:- त्रिग्रही योग तब बनता है जब एक ही राशि में तीन ग्रहों का संयोग होता है। इस साल धनतेरस के दिन वृश्चिक राशि में शुक्र, बुध और सूर्य एक साथ रहेंगे, जिससे यह योग अत्यंत प्रभावी रहेगा। यह योग समृद्धि और प्रतिष्ठा दिलाने में मदद करता है और विशेष रूप से व्यापार में सफलता का संकेत देता है।
  2. त्रिपुष्कर योग:- यह योग 29 अक्तूबर की सुबह 6:31 से 10:31 तक प्रभावी रहेगा। त्रिपुष्कर योग का निर्माण उन कार्यों में तेजी लाता है जो संपत्ति, धन और निवेश से जुड़े होते हैं। इसमें किए गए कार्यों का तीन गुना लाभ मिलता है।
  3. इंद्र योग:- इंद्र योग 28 अक्तूबर की सुबह 6:48 से 29 अक्तूबर की सुबह 7:48 तक रहेगा। यह योग भोग-विलास, ऐश्वर्य और सुख-सुविधाओं में वृद्धि लाता है। इस योग के दौरान की गई खरीदारी और निवेश लाभकारी सिद्ध होते हैं।
  4. लक्ष्मी-नारायण योग:- इस योग का निर्माण तब होता है जब शुक्र और बुध एक साथ किसी राशि में स्थित होते हैं। इस साल धनतेरस पर वृश्चिक राशि में यह योग बन रहा है जो आर्थिक लाभ और संपत्ति में वृद्धि का सूचक है।
  5. शश महापुरुष राजयोग:- इस योग का निर्माण जीवन में सम्मान और मान्यता प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। विशेष रूप से कार्यक्षेत्र में नई जिम्मेदारियां मिलने और प्रमोशन के योग बनते हैं।


धनतेरस के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त


धनतेरस के दिन प्रदोष काल में पूजा का महत्व अधिक होता है। प्रदोष काल: 29 अक्तूबर 2024 को शाम 6:38 से 8:24 तक रहेगा। इस समय माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करने से विशेष शुभ फल प्राप्त होता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा से स्वास्थ्य में सुधार और रोगों से मुक्ति भी मिलती है।


इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव 


धनतेरस के इन शुभ संयोगों का प्रभाव कई राशियों पर अत्यधिक लाभकारी साबित होगा। आइए जानते हैं उन राशियों के बारे में:


1. कर्क राशि


  • आर्थिक लाभ: इस दिन बनने वाला त्रिग्रही और त्रिपुष्कर योग कर्क राशि के जातकों के लिए अत्यंत शुभ रहेगा।
  • पारिवारिक सहयोग: परिवार के सहयोग से व्यापार में वृद्धि के योग बनेंगे।
  • विलासिता: इस दौरान आपके घर में नई और कीमती वस्तुओं का आगमन होगा।



2. तुला राशि


  • बिजनेस में सफलता: तुला राशि के लोग व्यापार में बड़े सौदे कर सकते हैं, जिससे भविष्य में अच्छा मुनाफा होगा।
  • जमीन-जायदाद के मामले: संपत्ति से जुड़े विवाद हल हो सकते हैं, और नई संपत्तियों की खरीदारी के योग बन रहे हैं।
  • मिलेंगी नई जिम्मेदारियां: कार्यक्षेत्र में नई जिम्मेदारियां मिलने से मान-सम्मान में वृद्धि होगी।



3. धनु राशि


आय के नए स्रोत: धनु राशि के लिए यह समय आय में भारी वृद्धि लेकर आएगा।

विदेश यात्रा के योग: इस दौरान विदेश यात्रा के अवसर बन सकते हैं, जिससे नए अवसरों का मार्ग खुलेगा।

सरकारी नौकरी के अवसर: बेरोजगारों को नौकरी के अच्छे अवसर मिल सकते हैं, विशेषकर सरकारी नौकरियों के लिए यह समय अनुकूल है।


धनतेरस का महत्व समझिए


धनतेरस का पर्व धन और समृद्धि से जुड़ा है, इसे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है। इस दिन घर में की गई खरीदारी को शुभ माना जाता है। विशेषकर सोना, चांदी, बर्तन या वाहन खरीदना बहुत लाभकारी होता है। इसके अलावा, इस दिन भगवान धन्वंतरि की आराधना से स्वास्थ्य लाभ होता है और परिवार में सुख-शांति का वास होता है। धनतेरस का नाम ‘धन’ और ‘तेरस’ से मिलकर बना है, जहां ‘धन’ का अर्थ है समृद्धि और ‘तेरस’ का अर्थ है हिंदू पंचांग के अनुसार तेरहवीं की विशेष तिथि। इस दिन पूजा-अर्चना और शुभ निवेश से सालभर धन और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।


धनतेरस पर क्या करें और क्या ना करें?


क्या करें? 


  • माता लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि की पूजा करें।
  • प्रदोष काल में निवेश या सोने-चांदी की खरीदारी करें।
  • जरूरतमंदों को दान दें और परिवार के साथ समय बिताएं।


क्या न करें? 


  • इस दिन अनावश्यक विवादों और क्रोध से बचें।
  • किसी को उधार देने से बचें, क्योंकि इसे शुभ नहीं माना जाता है।
  • नकारात्मक सोच से दूर रहें और सकारात्मकता का प्रचार करें।

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