Chaitra Navratri 2025: हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि प्रमुख हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल को समाप्त होगी। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। इस बार माता रानी की सवारी हाथी पर होगी, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। यह संकेत करता है कि देश में शांति और समृद्धि का आगमन होगा। आइए जानते हैं पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और आवश्यक सामग्री।
हाथी पर आगमन: समृद्धि और शांति का संकेत: चैत्र नवरात्रि 2025 की एक खास बात यह है कि इस वर्ष माता दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में देवी दुर्गा के वाहन का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह समाज और राष्ट्र के भविष्य को दर्शाने वाला संकेत माना जाता है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा के अनुसार, हाथी भारतीय संस्कृति में शांति, बुद्धिमत्ता और समृद्धि का प्रतीक है। जब देवी दुर्गा हाथी पर विराजमान होकर पृथ्वी पर आगमन करती हैं, तो यह संकेत देता है कि आने वाला समय सुख-शांति और आर्थिक उन्नति से परिपूर्ण होगा। इसके प्रभाव से समाज में स्थिरता बनी रहती है, धन-धान्य की वृद्धि होती है और समग्र रूप से देश की प्रगति होती है।
नवरात्रि 2025 पूजा सामग्री: माता की पूजा विधिपूर्वक करने के लिए निम्नलिखित सामग्रियां आवश्यक हैं:
कलश स्थापना के लिए:
- मिट्टी
- जौ
- आम के पत्ते
- जटा वाला नारियल
- गंगाजल
- रोली, कुमकुम, चावल (अक्षत)
- लाल वस्त्र
- सिक्का
माता की पूजा के लिए:
- दीपक, घी और कपूर
- फूलों की माला
- हवन सामग्री
- लौंग, सुपारी, पान
- मेवा, मिठाई
- श्रृंगार सामग्री
श्रृंगार सामग्री
नवरात्रि में माता दुर्गा को श्रृंगार सामग्री अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और सौभाग्य की वृद्धि होती है। माता के श्रृंगार के लिए निम्नलिखित सामग्री अर्पित करें:
- बिंदी, मेहंदी, सिंदूर
- लाल चूड़ी, लाल चुनरी
- काजल, नेलपॉलिश, लिपस्टिक
- इत्र, पायल, नथ
श्रृंगार सामग्री चढ़ाने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को विशेष आशीर्वाद देती हैं।
माता के श्रृंगार का महत्व
नवरात्रि में माता दुर्गा को श्रृंगार सामग्री अर्पित करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। अविवाहित लड़कियों को योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है, वहीं विवाहित महिलाओं के दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है। सौभाग्य वृद्धि के लिए माता को बिंदी, सिंदूर, लाल चूड़ी, काजल, नथ, पायल आदि अर्पित करना शुभ माना जाता है।