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चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है जो मां दुर्गा का स्वरूप हैं। मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। इसलिए उन्हें तपस्या की देवी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन विधिवत रूप से देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से धैर्य, आत्मविश्वास और शांति की प्राप्ति होती है।
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन की पूजा के लिए ये सभी सामग्री अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए इन सभी सामग्री को थाली में सजा कर रख लें, ताकि पूजा के समय वो जल्द ही मिल जाए।
देवी ब्रह्मचारिणी करुणा, सहानुभूति, और साधना की प्रतीक मानी जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से डर, भय और कष्ट समाप्त होते हैं, साथ ही आत्मविश्वास और धैर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विशेष रूप से छात्रों को करनी चाहिए, इससे उन्हें छात्र जीवन में कठिन तपस्या नहीं करनी पड़ती है और जल्द ही सफलता की भी प्राप्ति होती है।
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