शारदीय नवरात्रि 2024: भारत के इन राज्यों में दशहरा मतलब विद्यारंभ

केरल-महाराष्ट्र में अनोखे तरीके से मनाया जाता है दशहरा, बच्चों को लिखाया जाता है पहला अक्षर 


असत्य पर सत्य की विजय का पर्व विजयदशमी देशभर में मनाया जाता है। हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था का यह त्योहार देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी अनूठी शैली से मनाया जाता है। इसी विभिन्नता के चलते भारत में एक राज्य ऐसा भी है जहां इस दिन शिक्षा की शुरुआत करने की परंपरा है। यहां दशहरे को विद्यारंभ के पर्व के रूप में मनाया जाता है। हम बात कर रहे हैं देश के सबसे शिक्षित राज्य केरल की…


केरल में दशहरे पर बच्चों से उनके जीवन का पहला अक्षर लिखवाने की परंपरा है। यहां इस परंपरा को निभाने का तरीका भी बहुत अनूठा है। इस परंपरा को निभाते हुए सोने की अंगूठी से बच्चे की जीभ पर अक्षर लिखे जाते हैं। यह पढ़ाई लिखाई की शुरुआत का अनोखा तरीका सिर्फ केरल में प्रचलित है।


केरलवासियों का मानना है कि जन्म लेने के बाद बच्चा जब तीन से चार साल का हो जाता है तो विजयादशमी के दिन बच्चे को पहला अक्षर लिखकर ज्ञान की दुनिया में प्रवेश दिलवाना अति शुभ होता है। यह पूरे राज्य में समारोह के रूप में आयोजित किया होने वाला महाआयोजन हैं।


ऐसे होता है विद्या आरंभ का समारोह 


  1. इस दिन राज्य के मंदिरों और सांस्कृतिक केंद्रों में विद्वान, लेखक, शिक्षक और समाज के अन्य वर्ग के लोग बच्चों से उनका पहला अक्षर लिखवाते हैं।
  2. इसकी शुरुआत हरि श्री गणपतिये नमः मंत्र से की जाती है।
  3. बच्चों को चावल से भरी थाली पर हरि श्री गणपतिये नमः लिखवाया जाता है, जिसमें बड़े उनकी मदद करते हैं।
  4. कुछ लोग चावल की जगह इस मंत्र को बच्चे की जीभ पर सोने की अंगूठी से लिखने का तरीका भी अपनाते हैं।


महाराष्ट्र में भी दशहरे पर विद्या आरंभ करने की प्रथा है 


महाराष्ट्र में दशहरे के दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की परंपरा है। इस दिन स्कूली बच्चे देवी का आशीर्वाद पाने के लिए मां सरस्वती के तांत्रिक चिह्नों की पूजा करते हैं। साथ ही विद्या आरंभ करने के लिए इसे बहुत शुभ दिन माना जाता है। 


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