भगवान को भोग क्यों लगाया जाता है?

पूजा के दौरान भगवान को भोग लगाने से दूर होता है अन्न दोष, जानिए भोग लगाने के लिए सही नियम 


सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान या फिर भोजन करने से पहले भगवान को भोग लगाने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि भगवान को दिल से जो भी खिलाया जाए, तो वह उतने ही प्यार से उसे ग्रहण करते हैं। अगर किसी व्यक्ति के घर एक चावल का टुकड़ा भी है, तो बिना भगवान को भोग लगाए, उसे स्वयं ग्रहण नहीं करना चाहिए। वहीं पूजा-पाठ के दौरान भी भगवान के लिए 56 प्रकार के भोग बनाए जाते हैं और श्रद्धाभाव के साथ उन्हें अर्पित किया जाता है। अब ऐसे में यह तो सभी जानते हैं कि भगवान को पूजा के दौरान भोग लगाना चाहिए, लेकिन भोग क्यों लगाना चाहिए। क्या आप इसके बारे में जानते हैं। अगर आप नहीं जानते हैं, तो आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी के द्वारा बताए गए जानकारी के आधार पर इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

भगवान को भोग क्यों लगाना चाहिए?


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान को भोग लगाने से वह बेहद प्रसन्न होते हैं। अपने आराध्य या इष्टदेव को उनका प्रिय भोग बनाकर उन्हें अर्पित करने से उनकी कृपा भक्तों पर बनी रहती है। साथ ही घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है।  आपको बता दें, भगवान को भोग लगाने के पीछे केवल धार्मिक कारण ही नहीं, बल्कि आयुर्वेद और वास्तु शास्त्र में इसके बारे में बताया गया है।

आयुर्वेद के अनुसार, भगवान का भोग पूरी श्रद्धा भाव के साथ बनाना चाहिए। इससे भक्त के मन में सद्भाव होता है और उसे मानसिक शांति मिलती है। वहीं भगवान का भोग प्रेम के साथ बनाया जाता है। इसी कारण भक्त शांति और सुख का अनुभव करता है और उसके सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान को भोग लगाकर भोजन करने मात्र से ही अन्न दोष से छुटकारा मिल जाता है। यानी कि अगर जाने अंजाने में अन्न भंडार गलत दिशा में रखा हुआ है या फिर मां अन्नपूर्णा की तस्वीर गलत दिशा में लगी हो, तो भगवान को भोग लगाने मात्र से ही व्यक्ति को उत्तम परिणाम मिल सकते हैं।

भगवान को भोग लगाने के दौरान इन नियमों का करें पालन


  • अगर आप भगवान को भोग लगा रहे हैं, तो हमेशा भगवान के दाई तरफ भोजन की थाली रखें। 
  • भोजन रखने के साथ-साथ जल जरूर रखें। भगवान की थाली को हमेशा अलग रखें।
  • भगवान को भोग लगाने के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि थाली साफ होनी चाहिए और थाली रखने से पहले गंगाजल से शुद्धि जरूर करें।
  • भगवान को भोग लगाने के बाद ही परिवार के साथ प्रसाद को ग्रहण करें।
  • भगवान को भोग लगाने से बाद पर्दा जरूर करें।

भगवान को भोग लगाने का महत्व


भगवान को भोग लगाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। इतना ही नहीं, अपने आराध्य को भोग लगाने भक्तों पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है। देवी-देवताओं को उनके प्रिय भोग ही लगाएं। इससे उनकी कृपा जल्द भक्तों पर बनती है। इतना ही नहीं, भगवान को भोग लगाने से भक्तों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार के कष्टों से भी छुटकारा मिल जाता है। 

डिसक्लेमर

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