भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा विधि

Chitragupta Puja 2024: कैसे करें भाई दूज पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा, जानें पूजा विधि और मुहूर्त 


चित्रगुप्त पूजा का विशेष महत्व दीपावली के दो दिन बाद भाई दूज के दिन होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है, जो व्यक्ति के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। चित्रगुप्त जी की पूजा के लिए कायस्थ समाज विशेष रूप से इस दिन को मनाता है। इस दिन लोग अपनी किताब, कलम और लेखन सामग्री की पूजा करते हैं, जिससे व्यापार में वृद्धि, सुख-समृद्धि और बुद्धिमत्ता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 


चित्रगुप्त पूजा का महत्व


चित्रगुप्त भगवान को देवताओं के लेखपाल और कायस्थ समाज के संस्थापक माना जाता है। उनके पास हर व्यक्ति के कर्मों का लेखा-जोखा रहता है, इसलिए उनकी पूजा से विद्या, बुद्धि और लेखन में सफलता प्राप्त होती है। भाई दूज के दिन कलम, दवात और बही-खाता की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि पूजा में उपयोग की गई कलम का लेखन प्रभावी हो जाता है, जिससे कोई भी कार्य शुभ और सिद्ध होता है।


चित्रगुप्त पूजा का मुहूर्त


इस वर्ष चित्रगुप्त पूजा 3 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07:57 से दोपहर 12:04 तक रहेगा। इस मुहूर्त के दौरान भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।


चित्रगुप्त पूजा विधि 


  • स्नान और वस्त्र धारण: सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल की तैयारी: पूजा के स्थान पर एक चौकी बिछाकर उसपर लाल रंग का कपड़ा रखें।
  • भगवान चित्रगुप्त प्रतिमा की स्थापना: इस चौकी पर भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
  • दीप प्रज्वलन: तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं।
  • पुष्प और मिठाई अर्पित करें: भगवान चित्रगुप्त को फूल और मिठाई अर्पित करें।
  • कागज- कलम और दवात की पूजा: पूजा के दौरान एक कलम भी भगवान चित्रगुप्त को अर्पित करें। एक कागज पर हल्दी लगाकर उस पर 'श्री गणेशाय नमः' लिखें।
  • आरती और प्रसाद वितरण: अंत में चित्रगुप्त जी की आरती करें और सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित करें।


चित्रगुप्त पूजा विशेष उपाय


दीपावली की रात जिन पुस्तकों की पूजा की थी। उनमें इस दिन स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर 'श्री गणेशाय नमः' लिखें। यह शुभता और सिद्धि प्रदान करता है।

भाई दूज के दिन नए बही खातों में काम शुरू किया जाता है, जो व्यापार में लाभ का प्रतीक है। चित्रगुप्त पूजा से बुद्धि, विद्या, और लेखन में उन्नति होती है और इसे विशेषकर व्यापारी और लेखकों के लिए लाभकारी माना गया है।


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