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अमावस्या का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। यह दिन पितरों को समर्पित है और माना जाता है कि इस दिन किए गए पूजा-पाठ और दान का विशेष फल मिलता है। यह वह दिन होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और चंद्रमा दिखाई नहीं देता। इस दिन किए गए पूजा-पाठ और दान का विशेष फल मिलता है। अमावस्या को पितृ पक्ष से भी जोड़ा जाता है, जिसमें पितरों की आत्माएं धरती पर आती हैं और उनकी पूजा की जाती है।
अमावस्या के दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किया गया दान कई गुना फल देता है। इस दिन खासकर अन्न, जल और वस्त्र का दान करना बहुत शुभ होता है। इस दिन भगवान शिव, विष्णु और सूर्य देव की पूजा की जाती है। ऐसे में आइये जानते हैं साल 2025 में पहली-आखिरी और हर माह आने वाली अमावस्या तिथि कब-कब है।
अमावस्या तिथि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है, जो पितरों की पूजा और दान-पुण्य के लिए समर्पित है। इस दिन व्रत रखने, पूजा-पाठ करने और दान देने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। खासकर जब अमावस्या सोमवार, मंगलवार या शनिवार को पड़ती है तो इसका महत्व और बढ़ जाता है। अमावस्या के दिन की जाने वाली पूजा विधि में पितरों की पूजा, दान-पुण्य और व्रत करना शामिल है। माना जाता है कि व्रत रखने से पापों का नाश होता है और मन शांत होता है। अमावस्या का उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है जिनमें इस दिन किए जाने वाले कार्यों के बारे में बताया गया है।
पंचांग के अनुसार, हर साल 12 अमावस्या आती हैं जो हर महीने एक बार पड़ती हैं। इनमें से शनि अमावस्या और सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व होता है। साल 2025 में एक बार सोमवती अमावस्या और दो बार शनि अमावस्या आएगी।
पंचांग साल 2025 की पहली अमावस्या 29 जनवरी को होगी। उस दिन माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या होगी।
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