2025 में कब-कब पड़ेगा संकष्टी चतुर्थी व्रत?

साल 2025 में कब-कब पड़ेंगे संकष्टी चतुर्थी व्रत? जानें इस व्रत का महत्व और पूजा विधि 


संकष्टी चतुर्थी व्रत जिसे संकट हारा या सकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इसे भगवान गणेश की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। यह व्रत न केवल भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है बल्कि यह व्यक्ति को अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद करता है। 


इस दिन व्रत करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं, संतान प्राप्ति-संतान संबंधी समस्याओं का निवारण होता है और अपयश और बदनामी के योग कट जाते हैं। भगवान गणेश घर की सारी विपदाओं को हर लेते हैं। जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है और पूरे आस्था के साथ पूजा करता है गणपति उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आइए जानते हैं साल 2025 में कब-कब संकष्टी चतुर्थी का व्रत पड़ने वाला है? साथ ही जानेंगे इस व्रत का महत्व और पूजा विधि के बारे में। 


संकष्टी चतुर्थी का महत्व  


संकष्टी चतुर्थी व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन की पूजा से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस व्रत को रखने से न केवल संकटों से मुक्ति मिलती है बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को सुख-शांति और समृद्धि से भर देता है। संकष्टी चतुर्थी की व्रत रखने से भक्त अपनी जीवन में होने वाली हर समस्या से दूर रहते हैं और सभी दोषों और पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। 


संकष्टी चतुर्थी पर सुहागन स्त्रियां सुबह-शाम गणेशजी की पूजा करती हैं और रात में चंद्रमा के दर्शन और पूजा करने के बाद पति का आशीर्वाद लेती हैं। इसके बाद व्रत खोला जाता है। इस तरह व्रत करने से संतान की उम्र लंबी होती है और दांपत्य जीवन में कभी संकट नहीं आता। शादीशुदा जीवन में प्रेम के साथ सुख भी बना रहता है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत सूर्योदय से प्रारम्भ होकर चंद्र दर्शन करने तक रखा जाता है। पूरे साल में संकष्टी चतुर्थी के 12 या 13 व्रत रखे जाते हैं। यह व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।


संकष्टी चतुर्थी व्रत 2025 लिस्ट 


  • 17 जनवरी 2025, शुक्रवार- माघ, कृष्ण चतुर्थी
  • 16 फरवरी 2025, रविवार- फाल्गुन, कृष्ण चतुर्थी
  • 17 मार्च  2025, सोमवार- चैत्र, कृष्ण चतुर्थी
  • 16 अप्रैल 2025, बुधवार- वैशाख, कृष्ण चतुर्थी
  • 16 मई 2025, शुक्रवार- ज्येष्ठ, कृष्ण चतुर्थी
  • 14 जून 2025, शनिवार- आषाढ़, कृष्ण चतुर्थी
  • 14 जुलाई 2025, सोमवार- श्रावण, कृष्ण चतुर्थी
  • 12 अगस्त 2025, मंगलवार- भाद्रपद, कृष्ण चतुर्थी
  • 10 सितम्बर 2025, बुधवार- आश्विन, कृष्ण चतुर्थी
  • 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार- कार्तिक, कृष्ण चतुर्थी
  • 8 नवम्बर 2025, शनिवार- मार्गशीर्ष, कृष्ण चतुर्थी
  • 7 दिसंबर 2025, रविवार- पौष, कृष्ण चतुर्थी


संकष्टी चतुर्थी व्रत की विधि और पूजन


  • सूर्योदय से व्रत की शुरुआत: संकष्टी चतुर्थी का व्रत सूर्योदय से शुरू होकर चंद्र दर्शन तक रखा जाता है।
  • सुबह स्नान और स्वच्छ कपड़े: सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें।
  • पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थल को साफ कर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
  • भगवान गणेश को अर्पण: भगवान को दूर्वा, मोदक, फूल और दीप अर्पित करें।
  • दिनभर व्रत: दिनभर व्रत रखें और शाम को चंद्र दर्शन के बाद पूजा सम्पन्न करें।
  • भगवान गणेश के मंत्र और स्तुति का पाठ: इस दौरान भगवान गणेश के मंत्र और स्तुति का पाठ करें।

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