समुद्र के बीच में स्थित है कृष्ण रुक्मणी का ये मंदिर, हजारों साल पुराना शिवलिंग भी मौजूद
द्वारका की यात्रा केवल भगवान कृष्ण और रुक्मणी देवी मंदिर के दर्शन तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि कई अन्य धार्मिक स्थल भी है। भड़केश्वर महादेव का मंदिर द्वारका में समुद्र के बीच में स्थित हैं। हर साल जून-जुलाई के महीने में यह मंदिर समुद्र में डूबा रहता है। कहा जाता है कि उस समय समुद्र खुद ही महादेव का जलाभिषेक करता है। आपको जानकार हैरानी होगी कि यह मंदिर करीब 5000 साल पुराना है और यहां महादेव स्वयं शिवलिंग के रुप में विराजित है।
चंद्रमौलीश्वर शिव को समर्पित
यह मंदिर करीब 5000 साल पुराना है। द्वारका के किनारे बना यह शिव मंदिर परम आनंद और परमानंद का प्रतीक है। द्वारका के सुदूर पश्चिम में अरब सागर पर एक पहाड़ी पर स्थित भड़केश्वर महादेव मंदिर चंद्रमौलीश्वर शिव को समर्पित है। इस मंदिर के गर्भगृह में एक शिवलिंग स्थापित है, जिसे जगतगुरु शंकराचार्य से स्वयं गोमती, गंगा और अरब सागर के संगम पर खोजा था। यह पूजनीय मंदिर गीता मंदिर और रुक्मिणी मंदिर के पास स्थित है। इसके अलावा, मंदिर परिसर में 1200 शालग्रामशिलाएं, 1300 शिवलिंग, 75 शंकराचार्यों के धातु रुप हैं।
मंदिर के त्योहार
यहां सबसे महत्वपूर्ण उत्सव महाशिवरात्रि के दौरान होता है, जिसमें मंदिर और उसके आसपास भव्य मेला लगता है। भक्त शिवलिंग का जलाभिषेक कर सकते हैं, जो गर्भगृह के छोटे आकार के कारण सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक सीमित हैं। लेकिन मंदिर दर्शन के लिए हर समय खुला रहता है। मंदिर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी निषेध हैं।
सूर्यास्त का दृश्य होता है मनोरम
समुद्र के बीच में स्थित होने के चलते सूर्यास्त के समय यहां का दृश्य काफी मनोरम होता है। जो पर्यटकों को खासा आकर्षित करता है।
कैसे पहुंचे
- हवाई मार्ग - यहां का निकटतम हवाई अड्डा जामनगर और पोरबंदर में है। इस स्थानों से सड़क या रेल द्वारा भड़केश्वर मंदिर जाया जा सकता है।
- रेल मार्ग - द्वारका शहर में द्वारका रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशन से भड़केश्वर महादेव करीब 2 किमी दूर है, यहां से आप टैक्सी या ऑटो के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।
- सड़क मार्ग - यहां आप परिवहन के विभिन्न साधनों से पहुंच सकते हैं। नरसंग टेकरी रोड पर पहुंचे और वहां से मोड के बाद मंदिर तक पहुंचने के लिए बाईं ओर पोस्ट ऑफिस रोड पर जाएं। आप अहमदाबाद या किसी अन्य शहर से द्वारका तक टैक्सी या बस ले सकते हैं।
- मंदिर का समय- सुबह 6 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक खुला रहता है।
डिसक्लेमर
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