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भद्रकाली मंदिर, अहमदाबाद (Bhadrakali Temple, Ahmedabad)

भद्रकाली मंदिर, अहमदाबाद (Bhadrakali Temple, Ahmedabad)

गुजरात की पहली राजदेवी है भद्रकाली, अहमदाबाद शहर के इतिहास से जुड़ा मंदिर


अहमदाबाद शहर की देवी हैं भद्रकाली। भद्रा फोर्ट के पास उनका मंदिर स्थित हैं। भद्रकाली मंदिर अहमदाबाद के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। जब अहमदाबाद शहर का नाम कर्णावती हुआ करता था, तब से भद्रकाली मंदिर का अस्तित्व हैं। देवी भद्रकाली को अहमदाबाद शहर का संरक्षक माना जाता है। भद्रकाली मां का विशाल मंदिर माणक चौक पर हुआ करता था, पर कई आक्रमण में इस मंदिर के बहुत नुकसान पहुंचा। तब से इस मंदिर की व्यवस्था राजपुरोहितों का परिवार देखता है। 

मंदिर का इतिहास


पौराणिक कथाओं के अनुसार, पाटण के राजा एवं गुजरात राज्य की स्थापना करने वाले राणा कर्णदेव ने आशावल के भील राजा को हराकर कर्णावती नगरी की साबरमती नदी के किनारे स्थापना की थी। नगर की स्थापना के भागरुप उन्होंने सर्वप्रथम राजदेवी मां भद्रकाली की स्थापना की थी।
14वीं शताब्दी में जब अहमदशाह बादशाह ने कर्णावती नगरी के विस्तार में अहमदाबाद शहर बसाया तो एक किला बनाया था, जो भद्र किले के रुप में प्रसिद्ध है। यह मंदिर सल्तनत युग, मुगल युग, मराठा युग एवं ब्रिटिश युग आदि का साक्षी रहा है।
बताया जाता है कि माता की प्रतिमा प्राचीन है। मराठों के शासन में माता मंदिर में पूजा-अर्चना व विकास शुरू हुआ, जो आज नगर देवी के रुप में प्रसिद्ध है। नवरात्रि के दौरान ही नहीं, सामान्य दिनों में भी बड़ी संख्या में भक्त माता के दर्शन करने पहुंचते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।

हर दिन बदलती हैं मां की सवारियां


मंदिर का मुख्य आकर्षण मां काली का हर रोज बदलने वाली सवारियां हैं। वे अलग-अलग दिन शेर, हाथी, नंदी, कमल आदि पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देती है। रविवार को माता शेर पर, सोमवार को नंदी पर, मंगलवार को मोर पर, बुधवार को खड़ी मुद्रा में, गुरुवार को कमल पुष्प पर सवार होती है। शुक्रवार को माता हाथी पर सवार होती है।

साल में दो बार होता है अन्नकूट का आयोजन


मंदिर में साल में दो बार अन्नकूट का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा शारदीय और चैत्र दोनों ही नवरात्रि के बाद यहां विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। हर साल जनवरी के अंतिम सप्ताह में देवी भागवत का आयोजन मंदिर प्रबंधन की ओर से किया जाता है। 

मंदिर कैसे पहुंचे


  • हवाई मार्ग -  यहां का निकटतम हवाई अड्डा अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं। यहां से आप टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं। एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी लगभग 15 किमी हैं।
  • रेल मार्ग - यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन अहमदाबाद का रेलवे स्टेशन है। स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 6 से 7 किमी है। आप यहां से टैक्सी या ऑटो लेकर मंदिर जा सकते हैं।
  • सड़क मार्ग - शहर के विभिन्न हिस्सों से अच्छा सड़क मार्ग है। शहर में स्थानीय ऑटो, टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं, जो आपको सीधे मंदिर तक पहुंचा सकते हैं। 
    • मंदिर का समय -  मंदिर भक्तों के लिए सुबह 6 बजे से रात्रि 10.30 बजे तक खुला रहता है। 

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