नवीनतम लेख
अप्रैल का महीना वसंत ऋतु की सुंदरता और त्योहारों की धूमधाम के साथ एक विशेष महत्व रखता है। यह माह प्रकृति के रंग-बिरंगे रूप को दर्शाता है। इस समय कई धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व मनाए जाते हैं जो हमारी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं। अप्रैल में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें हनुमान जयंती, राम नवमी, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती प्रमुख हैं। इन त्योहारों में हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्मदिन का प्रतीक है, राम नवमी भगवान राम के जन्मदिन का प्रतीक है और परशुराम जयंती भगवान परशुराम के जन्मदिन का प्रतीक है। आइए, भक्तवत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि अप्रैल 2025 में कौन-कौन से प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।
विनायक चतुर्थी, 1 अप्रैल 2025 मंगलवार
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। इस दिन बप्पा की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है।
यमुना छठ, 3 अप्रैल 2025 गुरुवार
उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृन्दावन में एक विशेष पर्व मनाया जाता है, जिसे यमुना छठ कहा जाता है। यह पर्व देवी यमुना के पृथ्वी पर अवतरित होने की मान्यता के लिए मनाया जाता है। इसे यमुना जयंती के रूप में भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं में देवी यमुना को भगवान श्री कृष्ण की पत्नी माना गया है। यही कारण है कि यमुना मुख्य रूप से ब्रजवासियों द्वारा पूजनीय हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
रोहिणी व्रत, 3 अप्रैल 2025 गुरुवार
रोहिणी व्रत हर महीने में एक बार आता है। यह व्रत महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए किया जाता है।
राम नवमी, 6 अप्रैल 2025 रविवार
हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हिंदू समुदाय द्वारा एक महत्वपूर्ण त्योहार मनाया जाता है, जिसे राम नवमी कहा जाता है। यह पर्व भगवान राम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जो हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं। राम नवमी की पूजा करने के लिए मध्याह्न का समय सर्वाधिक शुभ माना जाता है। इस समय पर भगवान राम की पूजा करने से उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कामदा एकादशी, 8 अप्रैल 2025 मंगलवार
चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के रूप में जाना जाता है। कामदा एकादशी का उपवास करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। हिंदू धर्म में किसी ब्राह्मण की हत्या करना सबसे भयंकर पाप है। यह माना जाता है कि ब्राह्मण की हत्या का पाप भी कामदा एकादशी उपवास करने से मिट जाता है।
हनुमान जयंती, 12 अप्रैल 2025 शनिवार
हनुमान जयंती हिंदू धर्म का प्रसिद्ध त्योहार है जो संकटमोचन हनुमान को समर्पित होता है। हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में हनुमान जयंती के पर्व को मनाया जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से भी हनुमान जयंती को महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की आराधना से न सिर्फ विघ्न एवं बाधाएं दूर होती हैं, अपितु ग्रह-दोष भी शांत होते हैं।
वैशाखी, 14 अप्रैल 2025 सोमवार
वैशाखी विशेष रूप से पंजाब और उत्तर भारत के राज्यों में मनाई जाती है। वैशाखी का सिख समुदाय के लिए बहुत खास महत्व है क्योंकि यह खालसा की स्थापना का प्रतीक है। इस दिन, दसवें और अंतिम गुरु - गुरु गोबिंद सिंह ने सिखों को खालसा या शुद्ध लोगों में संगठित किया।
मासिक शिवरात्रि, 26 अप्रैल 2025 शनिवार
हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।
परशुराम जयंती, 29 अप्रैल 2025 मंगलवार
परशुराम जयंती, भगवान विष्णु के छठवें अवतार के जन्म की वर्षगांठ के रूप में मनाई जाती है। यह वैशाख माह में शुक्ल पक्ष तृतीया के समय पड़ती है। ऐसा माना जाता है कि परशुराम का जन्म प्रदोष काल के समय हुआ था, इसीलिए जिस दिन प्रदोष काल के दौरान तृतीया तिथि होती है, उस दिन को परशुराम जयंती का उत्सव मनाया जाता है।
अक्षय तृतीया, 30 अप्रैल 2025 बुधवार
अक्षय तृतीया सनातन धर्म का प्रसिद्ध त्योहार है जो लोकभाषा में आखातीज या वैशाख तीज के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व हिंदू धर्म के अलावा जैन धर्म का भी शुभ त्योहार है। भविष्य पुराण में अक्षय तृतीया के विषय में वर्णन किया गया है कि इस दिन स्नान, दान, जप, यज्ञ, स्वाध्याय, तर्पण आदि जो भी धार्मिक कार्य किए जाते हैं, वे सब अक्षय हो जाते हैं।
अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें
2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त? | साल 2025 में नया व्यवसाय शुरू करने के शुभ मुहूर्त
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।