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विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। सालभर में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं और हर एक एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। मान्यतानुसार विजया एकादशी का व्रत रखने पर जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही, इसे विजय प्रदान करने वाली एकादशी कहा जाता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा के महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।
विजया एकादशी का व्रत 24 फरवरी 2025 को रखा जाएगा। एकादशी तिथि 23 फरवरी को दोपहर 1 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी और 24 फरवरी को दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, विजया एकादशी 24 फरवरी को मनाई जाएगी।
विजया एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त 24 फरवरी की सुबह 6 बजकर 51 मिनट से सुबह 8 बजकर 17 मिनट के बीच है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से की जा सकती है।
विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से कई लाभ मिलते हैं। इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। इस एकादशी का नाम विजया होने के कारण यह मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इन मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। इससे व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी हो सकती है और भाग्योदय हो सकता है।
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