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पहली बार वट सावित्री व्रत करने के नियम

पहली बार वट सावित्री व्रत करने के नियम

Vat Savitri Vrat Niyam: पति की दीर्घायु के लिए रखा जाता है वट सावित्री व्रत, पहले बार करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान


वट सावित्री व्रत हिन्दू धर्म की उन विशेष परंपराओं में से एक है जो स्त्री के श्रद्धा, समर्पण और पति के प्रति प्रेम को दर्शाता है। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं। विशेष बात यह है कि पहली बार इस व्रत को रखने वाली स्त्रियों के लिए कुछ खास नियमों और विधियों का पालन करना आवश्यक होता है। सही विधि से किए गए व्रत से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है। इस वर्ष यह 26 मई को मनाया जाएगा।


सूर्योदय से पहले उठकर स्नान और पूजा करें

व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना अनिवार्य है। स्नान के बाद स्वच्छ लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें, क्योंकि ये रंग सौभाग्य और ऊर्जा का प्रतीक होते हैं। इसके बाद मन को शांत करें और पूजा की तैयारी करें।


वट वृक्ष की 7 परिक्रमा से बना रहता है 7 जीवन का साथ

वट वृक्ष ‘बरगद का पेड़’ को इस दिन विशेष रूप से पूज्य माना जाता है। वृक्ष के नीचे साफ-सफाई करें, वहां पूजा की चौकी सजाएं। वृक्ष को जल चढ़ाएं, चंदन, कुमकुम, रोली, अक्षत और सिंदूर से पूजन करें। फिर कच्चे सूत या कलावे को वृक्ष के चारों ओर सात बार लपेटते हुए परिक्रमा करें। यह प्रक्रिया पति के जीवन में सात जन्मों तक साथ की कामना को दर्शाती है।


वट सावित्री के दिन करें सोलह श्रृंगार 

  • वट सावित्री के दिन सोलह श्रृंगार करें।
  • शांत मन से पूजा करें।
  • पूजा के बाद घर के बड़ों का आशीर्वाद लें।
  • जरूरतमंदों को वस्त्र, फल या अन्न का दान करें।


वट सावित्री की पूजा में भूल कर भी न करें तुलसी पत्र का उपयोग

  • सफेद, नीले या काले रंग के कपड़े न पहनें, ये अशुभ माने जाते हैं।
  • तुलसी के पत्तों का प्रयोग न करें।
  • तामसिक भोजन जैसे कि लहसुन और प्याज से परहेज करें।


वट सावित्री के व्रत में जरूर उपयोग करें ये सामग्री 

  • कलश
  • जल
  • नारियल
  • मौली
  • कलावा
  • कच्चा धागा
  • वट वृक्ष का फल
  • बांस की पंखी
  • कुमकुम
  • सिंदूर
  • चंदन
  • रोली
  • अक्षत
  • दीपक
  • अगरबत्ती
  • इत्र 
  • लाल या पीली चुनरी
  • बताशे
  •  सुपारी
  • पान के पत्ते
  • व्रत कथा की पुस्तक
  • मखाना
  • भीगे चने
  • मूंगफली
  • पूरी
  •  गुड़
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दिल में श्री राम बसे हैं, संग माता जानकी(Dil Mein Shree Ram Base Hai Sang Mata Janki)

दिल में श्री राम बसे हैं,
संग माता जानकी,

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया(Dim Dim Damroo Bajavela Hamar Jogiya)

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया
हे हमार जोगिया हो हमार जोगिया

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे(Dimik Dimik Damru Kar Baje)

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे,
प्रेम मगन नाचे भोला, भोला,

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